झारखंड : गौतम अडानी और हेमंत सोरेन की मुलाकात के बाद राज्य की राजनीति गरम

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kmSudha

झारखण्डभारत
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हेमंत-अडानी की मुलाकात पर कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर बयानों का तीर क्यों चला रहे है ?

तीसरा पक्ष ब्यूरो रांची: भारत की राजनीति में विगत कुछ वर्षों से विपक्ष के निशाने पर सबसे ज्यादा यदि देश के कोई उद्योगपति रहे हैं तो गौतम अडानी का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन शुक्रवार 28 मार्च की रात मुख्यमंत्री आवास पर जब उद्योगपति गौतम अडानी और हेमंत सोरेन की मुलाकात की खबर जैसे ही आई उसके बाद झारखण्ड ही नहीं बल्कि पुरे देश में यह चर्चा का विषय बन गया और उसके बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच राज्य की राजनीति में फिर से बयानों के तीर एक दूसरे पर चलने लगे हैं.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उद्योगपति गौतम अडानी के  मुलाकात

कहा जा रहा है कि दोनों के बीच यह एक औपचारिक मुलाकात थी . यह बैठक मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित की गई, जिसमें बताया जा रहा कि दोनों के बीच राज्य में निवेश और औद्योगिक विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई जो इस प्रकार है।

महत्वपूर्ण विषय:

निवेश और औद्योगिक विकास: इस बैठक में झारखंड में निवेश के अवसरों और औद्योगिक विकास पर बिस्तार से चर्चा हुई। उद्योगपति गौतम अडानी ने राज्य में अपनी वर्तमान परियोजनाओं की प्रगति और भविष्य में संभावित निवेश के बारे में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जानकारी दी।

पावर प्लांट परियोजना पर चर्चा : अडानी समूह ने गोड्डा में 1,600 मेगावाट के अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की स्थापना की है, जो बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति करता है। बैठक में इस परियोजना की प्रगति और इसके प्रभाव पर भी इन दोनों बीच चर्चा हुई।

भविष्य की परियोजनाएँ: अडानी समूह ने राज्य में सीमेंट ग्राइंडिंग इकाई जैसी नई परियोजनाओं पर विचार करने का भी अपनी  इच्छा व्यक्त की है, जिससे स्थानीय रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इस मुलाकात के बाद, राजनीतिक और औद्योगिक जगत में इस बैठक के संभावित प्रभावों पर चर्चा हो रही है। विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि राहुल गांधी ने अडानी समूह पर कई बार सवाल उठाए हैं।

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