अम्बेडकर रत्न मंडल संघ ने संविधान की सुरक्षा का लिया संकल्प !
तीसरा पक्ष ब्यूरो : बिहार के लगभग सभी अनुसूचित जाति के प्रतिनिधि 20 अप्रैल 2025 को पटना में इकठा हुए। अवसर था पटना के आंबेडकर शोध संस्थान मेंअम्बेडकर रत्न मंडल संघ द्वारा आयोजित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती को संविधान सुरक्षा संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर बाबा साहेब के विचारों से प्रभावित बिहार के अनेक बुद्धिजीवी और अम्बेडकर वादी इस समारोह में शामिल हुए।

आंबेडकर रत्न मंडल संघ (ARMS) – क्या है और किनके लिए है:-
संघ के वरिष्ठ संस्थापक सदस्यों में एक ई. केदार पासवान ने बताया कि बिहार प्रांत के सभी अनुसूचित जातियों यानी कुल बाईस अनुसूचित जातियों को एकसूत्र में बांधने का एकमात्र संघ/संगठन है जो एक आवाज, सशक्त समाज, सामूहिक नेतृत्व एवं सामूहिक प्रतिनिधित्व की अवधारणा पर काम कर रहा है! यूं तो यह विशुद्ध रूप में एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संघ/संगठन है, परन्तु महामानव, महान विद्वान, विश्वस्तरीय ज्ञान के प्रतीक व सामाजिक एकता की प्रतिमूर्ति बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर जी द्वारा दिए गए संदेश के अनुरूप राजनीतिक सत्ता हासिल करने के लिए “ताले की चाभी”के रूप में कार्य करेगा!
संघ का गठन कब, क्यों और कैसे हुआ:-

संघ के गठन के बारे में केदार पासवान ने बताया कि वस्तुत: इस संघ की वियुत्पत्ति अनुसूचित जातियों/जनजातियों को संविधान प्रदत्त अधिकारों का हनन को लेकर अनुसूचित जातियों/जनजातियों के जुझारू व क्रियाशील कार्यकर्ताओं (एक्टिविस्टों) द्वारा आंदोलनों के तहत धरना -प्रदर्शन के दरम्यान उभरे विचारों को मूर्तरूप देने के लिए किया गया है! इसकी शुरूआत चार – पांच जुझारू व क्रियाशील कार्यकर्ताओं से हुई जो आपसी निरंतर बैठकों एवं गहन विचार मंथनों का कारवां बढ़ता गया और बाबा साहेब द्वारा Pay Back to the society का फ़र्ज़ अदा करने वाले समाज के बुद्धिजीवी एवं प्रबुद्धजन जुड़ते गए तथा अंततः वर्ष 2016-2017 मेंआंबेडकर रत्न मंडल संघ (आर्म्स) का रूप लिया! संघ का पंजीकरण बिहार सोसाइटी एक्ट के तहत वर्ष 2023-2024 में हुआ जिसका पंजीयन संख्या S- 000055/2023-2024 है!
आंबेडकर रत्न मंडल संघ (आर्म्स) का उद्देश्य क्या है एवं कार्ययोजना क्या है ?:-
उन्होंने आगे बताया कि यूं तो संघ का व्यापक उद्देश्य है जिनमें मुख्य रूप से बिहार प्रांत में अधिसूचित कुल बाईस अनुसूचित जातियों के बीच सामाजिक एवं सांस्कृतिक तौर पर आपसी एकता, एकजुटता, भाईचारा कायम कर अनुसूचित जातियों पर दबंगों द्वारा किए जा रहे निरंतर अत्याचार/जुल्म का सामूहिक रूप में प्रतिकार करने के साथ साथ शिक्षा को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना, आवश्यक आर्थिक सहयोग प्रदान करना, राजनीतिक चेतना जागृत करना एवं सभी अनुसूचित जातियों के विरासत के महापुरुषों की जयंतियां मनाकर उनके आदर्शों पर चलने का संदेश देना आदि- आदि के व्यापक उद्देश्यों को प्राप्त कर उनके सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना है !!
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अर्जुन प्रियदर्शी और स्वागत भाषण सुरेश कुमार ने किया। इस अवसर पर कई बुद्धिजीवी और दलित एक्टिविष्टों ने कार्यक्रम को सम्बोधित किये। कार्यक्रम में विशुनदेव मोची,रायचंद पासवान, गीता देवी ,कृष्णदेव राज ,शिव वचन राम, रमेश पासवान,केदार नाथ राम रंजीत कुमार, दुर्गा प्रसाद,सुरेश बौद्ध, जीवन कुमार , अमर आजाद ,सौरभ कुमार ,लक्ष्मण नारायण पासवान, वीरेंदर तुरी, बाबुलाल मांझी,राम प्रवेश दस, सुरेश कुमार, प्रह्लाद कुमार, योगेंद्र पासवान बिहारी प्रसादआदि शामिल हुए।

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