बिहार में मतदाता पुनरीक्षण पर सियासी संग्राम

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kmSudha

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संजय जायसवाल का महागठबंधन पर तीखा वार

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 9 जुलाई:बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर जारी विवाद अब सियासी जंग का रूप ले चुका है. भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने इस मुद्दे पर विपक्षी दलों खासकर के राजद और कांग्रेस पर तीखे प्रहार किया है.भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल मिथ्या प्रचार और भ्रम फैलाने में लगाहु आ है, जबकि असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है.

चक्का जाम और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को लेकर सवाल

डॉ. जायसवाल ने बिना किसी का नाम लिए बिना राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक राष्ट्रीय दल के युवराज और एक क्षेत्रीय दल की अगुवाई में बिहार में चक्का जाम कराया गया जबकि इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 10 जुलाई को सुनवाई निर्धारित है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब मामला पहले ही न्यायालय में है तो इस तरह के प्रदर्शन का औचित्य क्या है? क्या ये न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश है?डॉ. जायसवाल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी संविधान की किताब लेकर घूमते हैं लेकिन उन्हें न संविधान पर भरोसा हैऔर न ही सुप्रीम कोर्ट पर. ये दोहरा चरित्र देश देख रहा है.

तेजस्वी यादव और वोटर लिस्ट पर टिप्पणी

राजद नेता तेजस्वी यादव के एक वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. जायसवाल ने कहा कि उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. उनके माता-पिता का नाम मतदाता सूची में है और जब वे शादी प्रमाण पत्र जमा करेंगे तो उनकी पत्नी का नाम भी जुड़ जाएगा.

आधार और वोटर आईडी लिंक को लेकर कांग्रेस का विरोध

भाजपा सांसद ने याद दिलाया कि 2020 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने के लिए बिल लाया था तब कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया था.अधीर रंजन चौधरी, मनीष तिवारी, ओवैसी, शशि थरूर और यहां तक कि तृणमूल कांग्रेस और सपा के नेता भी इस बिल के खिलाफ थे. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष की नीति हमेशा दोमुंही रही है.संसद में विरोध करते हैं और बाद में उसी चीज़ की मांग करते हैं.

किशनगंज और अररिया में संदिग्ध आंकड़ों पर सवाल

डॉ. जायसवाल ने बिहार के सीमावर्ती जिलों किशनगंज और अररिया में आबादी से अधिक आधार कार्ड बनने की बात उठाई है उन्होंने दावा किया कि किशनगंज में आधार पंजीकरण 105 प्रतिशत और अररिया में 103 प्रतिशत है जो गंभीर सवाल खड़ा करता है. उन्होंने यह भी कहा कि किशनगंज में 2.27 लाख लोगों ने आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया है जो यह दर्शाता है कि यहां मतदाता सूची में गंभीर गड़बड़ी हो सकती है.

रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा

भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि इस पुनरीक्षण के बाद अवैध घुसपैठियों विशेषकर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे जिससे महागठबंधन बौखला गया है.इनकी राजनीति इन अवैध वोटों पर टिका है. इसलिए ये लोग इसका विरोध कर रहे हैं.

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तेजस्वी यादव पर डबल स्टैंडर्ड का आरोप

डॉ. जायसवाल ने तेजस्वी यादव पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा कि एक तरफ तेजस्वी बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं तो वहीं दूसरी ओर शहाबुद्दीन और तस्लीमुद्दीन जैसे विवादास्पद नेताओं को अमर बताने वाले नारे लगवाते हैं.यह दोहरे चरित्र का सबसे बड़ा प्रमाण है.

कार्यकर्ताओं से सहयोग की अपील

अंत में डॉ. जायसवाल ने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे मतदाता पुनरीक्षण अभियान में प्रशासन को सहयोग दें और सुनिश्चित करें कि वास्तविक मतदाताओं के नाम सूची में बने रहें, जबकि फर्जी नाम हटाए जाएं.इस प्रेस वार्ता में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभु, अनामिका पासवान, मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल, प्रवक्ता कुंतल कृष्ण और सूरज पांडेय भी मौजूद थे.

निष्कर्ष

बिहार में मतदाता पुनरीक्षण को लेकर उठे विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है.भाजपा इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी कदम बता रहा है.जबकि विपक्ष इसे जनाधिकारों का हनन करार दे रहा है.आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और राजनीतिक बयानबाजी इस मुद्दे को और गरमाएगी.

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