सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों से चुनाव आयोग की खोली पोल :राजद

| BY

Ajit Kumar

अन्य ख़बरें

विपक्ष की मांगों को मिला न्यायालय का समर्थन

तीसरा पक्ष ब्यरो पटना, 10 जुलाई: खासकर विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई के दौरान आए सख्त और स्पष्ट निर्देशों ने चुनाव आयोग के खिलाफ विपक्ष की पुरानी शिकायतों को सही ठहराया गया है.राजद के प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने इस मामले में कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों ने चुनाव आयोग के असली चेहरे को बेनकाब कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता पुनरीक्षण के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड को अनिवार्य दस्तावेजों की सूची में शामिल करने का आदेश दे दिया है.यह वही मांग है जो विपक्ष लंबे समय से उठा रहा था ताकि गरीब, दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को मतदाता सूची से बाहर करने की कोशिशों को रोका जा सके.इस फैसले से उन लोगो को बड़ा झटका लगेगा जो इन वर्गों के नाम हटाने के लिए साजिश रच रहे थे.

जो दस्तावेज़ चुनाव आयोग मांग रहा है, वह मेरे पास भी :न्यायालय

सुनवाई के दौरान कोर्ट की एक टिप्पणी खास तौर पर चर्चा का विषय बनी.न्यायालय ने कहा कि जो दस्तावेज़ चुनाव आयोग मांग रहा है वह मेरे पास भी उपलब्ध नहीं होगा,यह बात चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है और विपक्ष की पुरानी शिकायतों को न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है.

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कई सवालों पर भी स्पष्टीकरण मांगा है और अगली सुनवाई की तारीख 28 जुलाई निर्धारित किया गया है. इस फैसले के बाद भाजपा और एनडीए नेताओं की प्रतिक्रियाएं ऐसी हैं जैसे वे स्वयं ही अपनी ही बातों से असहज हों गये हो जैसे ,कहावत में कहा गया है कि अपने ही मुंह पर ताला लगाना.

इस मामले की अगली सुनवाई में आने वाले स्पष्ट जवाब चुनाव आयोग की भूमिका और निष्पक्षता पर भी बहुत बड़ा असर डालेंगे.विपक्ष के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण जीत माना जा रहा है. जिससे लोकतंत्र के सच्चे स्वरूप को सशक्त बनाने की उम्मीद बढ़ी है.

Trending news

Leave a Comment