सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में भारी बढ़ोतरी, गरीब और जरूरतमंद वर्ग को बड़ी राहत
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,11 जुलाई : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना स्थित 1 अणे मार्ग के संकल्प भवन में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत राज्य के 1 करोड़ 11 लाख से अधिक लाभार्थियों के खाते में ₹1227.27 करोड़ की राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से हस्तांतरित किया गया है. इस अवसर पर उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की मासिक राशि को ₹400 से बढ़ाकर ₹1100 करने की घोषणा को धरातल पर उतारते हुए इसको जनहित में एक ऐतिहासिक निर्णय बताया है.

गरीब और जरूरतमंद वर्ग को बड़ी राहत
बिहार सरकार की यह पहल राज्य के वृद्धजनों, विधवाओं, दिव्यांगजनों और अन्य पात्र श्रेणियों के लिए आर्थिक सहारा साबित होगा.अब तक ₹400 प्रतिमाह मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि को लगभग तीन गुना बढ़ाकर ₹1100 कर दिया गया है.जिससे जरूरतमंदों की मासिक आय में सीधा इज़ाफा होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार समाज के हर कमजोर वर्ग के साथ है. पेंशन में यह बढ़ोतरी उनके सम्मानजनक जीवन के लिए जरूरी था. हमने जो वादा किया था उसे पूरा किया है.
क्या है सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना?
यह योजना वृद्धजन, विधवाओं, दिव्यांगों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे वे गरिमा के साथ जीवन व्यतीत कर सकें.हालिया बढ़ोतरी के बाद यह योजना और अधिक प्रभावशाली तथा उपयोगी बन गया है.
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डीबीटी के ज़रिए पारदर्शी और त्वरित भुगतान
पेंशन वितरण की यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजा गया है. डिजिटल भुगतान प्रणाली के ज़रिए यह सुनिश्चित किया गया कि पैसे सही समय पर, सही व्यक्ति को मिलें बिना किसी बिचौलिए या देरी के.
जनता में उत्साह और सरकार की सराहना
पेंशन में वृद्धि की घोषणा और त्वरित अमल से राज्य भर के लाभार्थियों में खुशी की लहर है. कई वृद्धजन और विधवाएं सरकार का आभार प्रकट करते हुए कह रही हैं कि अब उनके लिए दवा, राशन और आवश्यकताओं को पूरा करना थोड़ा आसान होगा.
बिहार में सामाजिक सुरक्षा को नया आधार
यह निर्णय बिहार में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को मजबूती देने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है.यह न केवल राज्य सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है बल्कि डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में किए जा रहे सुधारों को भी रेखांकित करता है.
निष्कर्ष:
बिहार सरकार की यह पहल राज्य के सामाजिक ताने-बाने को मज़बूत करने के साथ-साथ करोड़ों परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने वाली साबित हो रही है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कदम सामाजिक न्याय की दिशा में एक अहम पड़ाव माना जा रहा है.

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