लोकतंत्र खतरे में? तेजस्वी यादव ने उठाए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 17 जुलाई 2025:बिहार के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख चेहरे तेजस्वी यादव ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुये उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार चुनाव आयोग की आड़ में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बहाने लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश कर रहा है.
तेजस्वी यादव ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि ,
केंद्र की मोदी सरकार कैसे चुनाव आयोग के माध्यम से मतदाता सूची पुनरीक्षण के बहाने लोकतंत्र का चीरहरण कर संविधान को खत्म करने पर उतारू है? चुनाव में हार देख हर प्रकार के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.
क्या है मामला?
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब बिहार में मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है.हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि यह एक नियमित प्रक्रिया है. लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया का दुरुपयोग करके कुछ खास वर्गों के वोटरों को सूची से हटाने की कोशिश किया जा रहा है.
विपक्ष का बढ़ता आक्रोश
राजद नेता के इस बयान को विपक्ष की एकजुटता की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. इससे पहले भी कई विपक्षी दलों ने केंद्र पर चुनावी प्रक्रियाओं में ‘हस्तक्षेप’ करने का आरोप लगाया है.तेजस्वी यादव ने अपने बयान से साफ कर दिया है कि वे इस मुद्दे को लेकर पीछे हटने वाले नहीं हैं.
क्या कहती है सरकार?
अब तक केंद्र सरकार या चुनाव आयोग की ओर से तेजस्वी यादव के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस बयान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है.
निष्कर्ष:
तेजस्वी यादव का यह बयान न सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया है, बल्कि लोकतंत्र की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर सवाल भी उठाता है. क्या मतदाता सूची में छेड़छाड़ की आशंका सच साबित होगी? या यह केवल एक चुनावी बयानबाज़ी है? यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा.

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