राज्यपाल से AISA प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात, विश्वविद्यालयों की अराजकता पर चर्चा
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,19 जुलाई: बिहार के उच्च शिक्षा संस्थानों में व्याप्त प्रशासनिक अराजकता और वित्तीय भ्रष्टाचार के खिलाफ आज ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने बड़ा मोर्चा खोल दिया है. AISA की ओर से राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, राज्य सचिव सबीर कुमार और भाकपा-माले विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल महामहिम से मुलाकात कर मौलाना मजहरूल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय में सामने आई करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग किया है.
विश्वविद्यालय की जमीन बेचने की कोशिश, निजीकरण का आरोप
AISA ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि शैक्षणिक भवन के चौथे और पाँचवें तलों को एक निजी संस्था को सौंपने की कोशिश किया गया है. जबकि यूजीसी के मानकों के अनुसार विश्वविद्यालय के पास पहले ही आवश्यक न्यूनतम इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है. संगठन का कहना है कि यह कदम न केवल नियमों का उल्लंघन है.बल्कि विश्वविद्यालय को निजीकरण की ओर धकेलने वाला है.
डॉ. नौशाद आलम का निलंबन और कर्मचारियों पर तानाशाही
संगठन ने सहायक प्रोफेसर डॉ. नौशाद आलम के त्वरित निलंबन और उर्दू में उत्तर देने वाले एक अधिकारी का वेतन रोकने को प्रशासनिक तानाशाही करार दिया है.AISA का कहना है कि यह घटनाएं विश्वविद्यालय के भीतर असहिष्णु प्रशासनिक रवैए को उजागर करता हैं.
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शिक्षा में मनमानी और शुल्क वसूली पर सवाल
विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि राज्य के कई कॉलेजों में दाखिले के नाम पर मनमाना शुल्क लिया जा रहा है. उन्होंने विशेष रूप से B.Ed. कोर्स में छात्रों से अवैध फीस वसूली का मुद्दा उठाया और इसे बंद करने की मांग किया है. उनका कहना था कि यह व्यवस्था छात्रों को शिक्षा से दूर कर रहा है.
छात्रों की समस्याओं को लेकर उठाए गए मुख्य मुद्दे:
- कॉलेजों में प्रयोगशालाओं, संसाधनों और छात्रावासों की भारी कमी
- जनसंचार विभाग में स्टूडियो व लैब की अनुपस्थिति
- फीस में बेतहाशा वृद्धि और मेस शुल्क का नियंत्रण
- आउटसोर्सिंग प्रणाली और कैम्पस का ठेकाकरण रोकने की मांग
- छात्राओं की सुरक्षा के लिए GSCASH जैसी इकाई की स्थापना
- सरकारी डाटा बैंक की स्थापना और विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता की मांग
राज्यपाल ने दिया सकारात्मक आश्वासन
राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात में इन सभी मुद्दों को विस्तार से रखा गया. राज्यपाल ने छात्रों की चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए समस्याओं के समाधान की दिशा में सकारात्मक पहल का भरोसा दिलाया है.
AISA ने स्पष्ट किया है कि अगर शीघ्र सुधार नहीं हुआ तो वे छात्र हितों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे.यह मुद्दा न केवल उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़ा है. बल्कि एक पारदर्शी और जवाबदेह शैक्षणिक प्रशासन की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है.

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