बिहार के नगवा में दो मासूमों को जिंदा जलाया गया: सरकार की नींद अब भी नहीं टूटी!

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Kumar Ranjit

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बिहार के नगवा में दो मासूमों को जिंदा जलाया गया: सरकार की नींद अब भी नहीं टूटी!

पटना से 25 किलोमीटर दूर जलती हुई मानवता और मूकदर्शक सरकार

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,4 अगस्त :पटना जिला के जानीपुर थाना अंतर्गत नगवा गांव में दो नाबालिग बच्चों को जिंदा जलाए जाने की हृदयविदारक घटना ने समूचे बिहार को दहला कर रख दिया है.मासूमों की चीखों के साथ इंसानियत भी जल गई. लेकिन बिहार सरकार और प्रशासन की संवेदनहीनता कायम है. राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी.राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस निर्मम कांड पर तीखा रुख अपनाते हुए आज जांच दल भेजा.

राजद की जांच टीम नगवा पहुंची, परिजनों से मिलकर जताया आक्रोश और संवेदना

राजद की जांच टीम नगवा पहुंची, परिजनों से मिलकर जताया आक्रोश और संवेदना

राजद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के निर्देश पर पार्टी के प्रदेश प्रधान महासचिव सह विधायक रणविजय साहू के नेतृत्व में एक जांच टीम नगवा गांव पहुंचा.टीम ने मृत बच्चों के माता-पिता ललन गुप्ता और शोभा देवी से मिलकर गहरी संवेदना व्यक्त किये . श्री साहू ने परिवार को हर स्तर पर न्याय दिलाने का भरोसा दिया और मौके पर ही पटना ग्रामीण के एसपी से फोन पर बात भी किये.

टीम में शामिल प्रमुख नेता:

  • श्रीमती रीतू जायसवाल (महिला राजद प्रदेश अध्यक्ष)
  • देवकिशुन ठाकुर (प्रदेश महासचिव)
  • गणेश यादव (युवा राजद महासचिव)
  • दीपक मांझी (एससी जिला अध्यक्ष)
  • माया गुप्ता, अमरनाथ साह व अन्य स्थानीय नेता

रणविजय साहू का हमला: बिहार अब अपराधियों की चौकी बन चुका है

राजद विधायक रणविजय साहू ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है. पिछले 10 दिनों में 100 से अधिक हत्याएं हो चुका हैं और सरकार केवल आंकड़ों की बाजीगरी में व्यस्त है.

नीतीश कुमार अपराध की चादर ओढ़कर सो रहे हैं. जबकि पूरा बिहार चीख रहा है.अपराधियों के सामने प्रशासन लाचार और जनता बेबस है. – रणविजय साहू

बिहार में अपराध का जंगलराज: किसके भरोसे जिए जनता?

बच्चियों से दरिंदगी, दलितों पर हमले, पत्रकारों की हत्या और अब दो मासूमों की जिन्दा जलाकर हत्या.

पुलिस की निष्क्रियता और प्रशासन की चुप्पी ने यह साफ कर दिया है कि अपराधी बेलगाम हैं और सत्ता मौन है.

ना कोई ठोस कार्रवाई, ना मुख्यमंत्री की कोई संवेदना — क्या यही सुशासन है?

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राजद की चेतावनी: जब तक न्याय नहीं, संघर्ष जारी रहेगा

राजद ने एलान किया है कि जब तक इस वीभत्स घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिलती है तब तक पार्टी सड़कों से सदन तक संघर्ष करेगा. प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा:

“यह मामला सिर्फ एक परिवार की पीड़ा नहीं है बल्कि पूरे समाज के भविष्य पर हमला है. अगर अब भी सरकार नहीं चेती तो जनता खुद जवाब लेगी”

निष्कर्ष: क्या नीतीश सरकार जवाब देगी या फिर एक और मामला ‘फाइल बंद’ हो जाएगा?

नगवा की यह दर्दनाक घटना सिर्फ एक क्राइम रिपोर्ट नहीं है बल्कि सरकार और सिस्टम की असफलता का जीवंत प्रमाण है.जब मासूम आग में झुलसते हैं और मुख्यमंत्री के आवास पर खामोशी छाई रहती है.तब सवाल उठता है – क्या यही है “सुशासन बाबू” की असलियत?

बिहार की जनता अब जवाब चाहता है – और यह सवाल इस बार सिर्फ विपक्ष नहीं हर जागरूक नागरिक पूछ रहा है.

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