पुलिस की बर्बरता पर AISA का वार: जूता मारने वाले पुलिसकर्मी पर तुरंत कार्रवाई हो
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 7 अगस्त 2025 – बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) के अभ्यर्थियों पर पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ छात्र संगठनों का आक्रोश तेज हो गया है. आज ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने इस घटना को कड़ी आलोचना करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग किया है. संगठन ने राज्य सरकार पर छात्रों की आवाज को दबाने का आरोप भी लगाया है.
AISA के नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि STET की परीक्षा को TRE 4 (शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया) से पहले आयोजित किया जाना चाहिये ताकि योग्य अभ्यर्थियों को अवसर से वंचित न होना पड़े.
AISA के राज्य सह सचिव कुमार दिव्यम और उपाध्यक्ष नीरज यादव ने कहा कि,छात्रों की मांग पूरी तरह से न्यायोचित है.वे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रख रहे थे. लेकिन सरकार ने उन पर लाठियां चलवाकर लोकतांत्रिक विरोध को कुचलने का प्रयास किया है. कई वीडियो में साफ देखा गया है कि जमीन पर गिरे छात्रों को पुलिसकर्मी ने न केवल लाठी से पीटा है बल्कि लात तक मारी है.यह अत्यंत शर्मनाक है.
संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा-जदयू सरकार लगातार छात्र-युवा विरोधी फैसले ले रहा है और शिक्षा क्षेत्र को संकट में डाल रहा है. AISA का कहना है कि TRE 4 प्रक्रिया शुरू होने से पहले STET परीक्षा का आयोजन न करना छात्रों के साथ खुला अन्याय है.
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AISA नेता आशीष राज ने कहा कि,राज्य सरकार का रवैया निरंकुश होता जा रहा है. एक ओर वह छात्रों को रोजगार और शिक्षा के अवसर देने में विफल है. और दूसरी ओर जब युवा अपनी मांगें लेकर सड़कों पर उतरता हैं तो उन पर लाठियां चलवाती है.
छात्र संगठन ने सरकार से दो मुख्य मांगें रखा हैं.
TRE 4 से पहले STET परीक्षा आयोजित किया जाये.
शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर लात-घूंसे बरसाने वाले पुलिसकर्मी पर तत्काल कार्रवाई हो.
AISA ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि सरकार जल्द इन मांगों पर सुनवाई नहीं करता है तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर ले जाया जाएगा.

मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.