कहीं आपका वोट भी तो चोरी नहीं हो गया?
तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली,16 अगस्त :आज जब देश लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव — चुनाव — की ओर बढ़ रहा है. तब एक सवाल ने फिर से करोड़ों भारतीयों के मन को झकझोर दिया है.यह सवाल किसी आम नागरिक ने नहीं बल्कि कांग्रेस की कद्दावर नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने उठाया है.
सोशल मीडिया पर एक सीधा, लेकिन गंभीर सवाल,
“कहीं आपका वोट भी तो चोरी नहीं हो गया?”
प्रियंका गांधी की यह टिप्पणी सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं है बल्कि एक चेतावनी है — एक पुकार है लोकतंत्र की रक्षा के लिये हर वोटर की जागरूकता के लिये.
आइए, आगे जानते हैं कि आखिर इस बयान के पीछे की कहानी क्या है. और क्यों यह चर्चा का विषय बन गई है…
वोट चोरी पर प्रियंका गांधी का बड़ा हमला X पर उठाए गंभीर सवाल
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने देश के चुनावी तंत्र पर एक बार फिर सवाल उठाया हैं.सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर उन्होंने लिखा कि,
कहीं आपका वोट भी तो चोरी नहीं हो गया?
अब और नहीं, वोट चोरी बंद करो.
— प्रियंका गांधी वाड्रा (@priyankagandhi)
प्रियंका गांधी का यह ट्वीट ऐसे समय आया है. जब कई राज्यों में चुनावी तैयारियाँ जोरों पर हैं. और आम जनता में वोटिंग प्रक्रिया को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं.
क्या है प्रियंका गांधी का इशारा?
हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर किसी दल या संस्था का नाम नहीं लिया है लेकिन उनका यह बयान चुनावी पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है. उनका यह संदेश उन मतदाताओं के लिए एक चेतावनी की तरह है जो चुनाव में अपने मताधिकार को लेकर सतर्क नहीं हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा हो सकता है जिसमें वह जनता को यह बताना चाहता है कि चुनाव निष्पक्ष नहीं हो रहा. खासतौर पर EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की सुरक्षा को लेकर बीते वर्षों में विपक्षी दल लगातार सवाल उठाता रहा हैं.
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सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
प्रियंका गांधी के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर यूज़र्स की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गया है.कई लोगों ने इस बयान का समर्थन किया है.तो कुछ ने इसे चुनावी ड्रामा बताया है.
एक यूज़र ने लिखा है कि, सही कहा, जब तक हम आवाज़ नहीं उठाएंगे, वोट की चोरी बंद नहीं होगी!
चुनाव आयोग की भूमिका पर चर्चा
प्रियंका के इस बयान के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या चुनाव आयोग इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया देता है या नहीं. हालांकि आयोग बार-बार यह दावा करता आया है कि EVM पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है.
निष्कर्ष
प्रियंका गांधी का यह बयान भारतीय लोकतंत्र में चुनावों की पारदर्शिता पर नई बहस को जन्म दे सकता है. आने वाले चुनावों में यह मुद्दा एक बार फिर से राजनीतिक दलों के एजेंडे का हिस्सा बन सकता है.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















