सासाराम से मल्लिकार्जुन खड़गे का PM मोदी पर करारा हमला
तीसरा पक्ष ब्यूरो सासाराम (बिहार), 17 अगस्त :कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बड़ा हमला बोला है. सासाराम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि RSS का आज़ादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था. बल्कि इसके विपरीत, संगठन अंग्रेजों से माफी मांगने और नौकरी पाने में जुटा था.
खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के लाल किले से दिए गए भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि है कि नरेंद्र मोदी का कहना है कि आरएसएस पिछले 100 वर्षों से देश की सेवा कर रहा है.लेकिन ऐतिहासिक सच्चाई कुछ और ही बयां करती है. जिस विचारधारा से गांधी जी की हत्या हुई, आज उसी की तारीफ हो रही है.
उन्होंने आगे कहा कि जब देश के सच्चे स्वतंत्रता सेनानी अपने प्राणों की आहुति दे रहे थे. तब संघ से जुड़े लोग अंग्रेजी हुकूमत को चिट्ठियाँ लिखकर माफ़ी और नौकरी की गुहार लगा रहे थे.
खड़गे का तीखा सवाल: शहीदों की आत्मा क्या सोचती होगी?
जनसभा के दौरान खड़गे ने यह सवाल भी उठाया कि क्या आज़ादी के लिए जान देने वाले शहीदों की आत्मा उन लोगों को सम्मानित होते देखकर व्यथित नहीं होती होगी.जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया?
इतिहास के नाम पर कौन कर रहा है सियासत?
जब देश अपनी आज़ादी का जश्न मना रहा था, तब एक और राजनीतिक जंग छिड़ गई—विचारधारा की जंग.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सौ वर्षों की सेवा का उल्लेख किया है तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सासाराम की धरती से पलटवार कर इतिहास की परतें खोल दिया है.
खड़गे का आरोप है कि RSS का स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं रहा है.बल्कि इसके विपरीत, वो अंग्रेजों से माफी मांगते और नौकरी की तलाश करते रहे. उन्होंने सवाल उठाया कि,क्या आज़ादी के लिए जान देने वाले शहीदों की आत्मा आज शांत है?
इन तीखे बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दिया है. और एक बार फिर यह सवाल उठ खड़ा हुआ है—क्या इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है, या सच्चाई अब सामने आ रही है?
आइए, आगे जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम को विस्तार से पांच अहम पहलुओं में…
लाल किले से मोदी का दावा, सासाराम से खड़गे का पलटवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आरएसएस पिछले सौ वर्षों से राष्ट्र की सेवा में लगा हुआ है. इसके जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सासाराम (बिहार) में जनसभा को संबोधित करते हुए PM मोदी पर करारा हमला बोला है.
खड़गे ने कहा कि, PM मोदी जिनकी तारीफ़ कर रहे हैं. वो वही लोग हैं जिनकी विचारधारा ने महात्मा गांधी की हत्या किया था. क्या देश की जनता यह सब भूल चुकी है?
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RSS ने स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं निभाई — खड़गे का सीधा आरोप
खड़गे ने अपने भाषण में स्पष्ट कहा कि RSS का भारत की आज़ादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब देश के वीर सपूत अंग्रेजों से लड़ रहे थे. उस समय संघ से जुड़े लोग अंग्रेजों को क्षमायाचनापत्र भेज रहे थे और सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर रहे थे.और सरकारी नौकरी की अर्जी लगा रहे थे.
उनके अनुसार, देश को गुमराह करने के लिए अब इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है.
शहीदों की आत्मा क्या सोचती होगी? — खड़गे का भावुक सवाल
खड़गे ने सभा में एक भावुक सवाल भी उठाया कि,
देश के लिए जान देने वाले भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आज़ाद और अन्य शहीदों की आत्मा क्या सोचती होगी. जब उन्हें यह दिखता होगा कि आज़ादी की लड़ाई में शामिल न होने वालों को देशभक्त बताया जा रहा है?
यह बयान सुनते ही जनता ने तालियों और नारों से सभा स्थल को गूंजा दिया.
RSS बनाम कांग्रेस: इतिहास की व्याख्या को लेकर फिर गरमाया मुद्दा
RSS और कांग्रेस के बीच आज़ादी की लड़ाई में योगदान को लेकर पुराना विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है.कांग्रेस का मानना है कि संघ ने ना केवल आज़ादी की उन्होंने लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया, बल्कि ब्रिटिश शासन के प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया.
दूसरी ओर, BJP और RSS समर्थक यह दावा करते हैं कि उन्होंने सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
क्या ये मुद्दा 2025 के चुनावी माहौल को प्रभावित करेगा?
खड़गे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश कई राज्यों में विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है और 2026 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं.
यह स्पष्ट है कि इतिहास, विचारधारा और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे एक बार फिर चुनावी बहस का केंद्र बनेंगे.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















