पुलिस ने किया गिरफ्तारियां, समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर लगायाआरोप
तीसरा पक्ष ब्यूरो लखनऊ, 19 अगस्त:उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला अब सिर्फ एक परीक्षा या चयन प्रक्रिया का मुद्दा नहीं रहा बल्कि यह लाखों युवाओं के भविष्य, उनके संघर्ष और टूटती उम्मीदों की अब कहानी बन चुका है. सालों से इंतज़ार कर रहे अभ्यर्थियों का सब्र अब जवाब देने लगा है. जब नौकरियों की आस में पले सपने, सरकारी उपेक्षा की भेंट चढ़ने लगें — तब सड़क ही न्याय की आखिरी उम्मीद बन जाता है.
लखनऊ की सड़कों पर उतरे अभ्यर्थियों की यही पुकार था — हमें हमारा हक चाहिये, सिर्फ वादे नहीं.लेकिन बदले में मिली लाठियां, गिरफ्तारी और चुप्पी.
अब सवाल उठता है कि — क्या सच में मौजूदा सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर गंभीर है? क्या शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता एक सपना भर बन चुका है?
आइए, आगे जानते हैं विस्तार से कि लखनऊ में क्या हुआ, किसने क्या कहा, और आगे क्या हो सकता है.
न्याय चाहिए, नौकरी चाहिए” की गूंज से कांपी लखनऊ की सड़कें
लखनऊ में उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गया जब 69000 शिक्षक भर्ती घोटाले के खिलाफ सैकड़ों अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए. अभ्यर्थी लंबे समय से न्याय और पारदर्शी प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं.हाथों में तख्तियां, बैनर और आंखों में आक्रोश लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने योगी सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी किया.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस की सख्ती, कई गिरफ्तार
प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया था. जैसे ही अभ्यर्थी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में जमा हुआ. पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. अभ्यर्थियों का कहना है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के बावजूद उनके साथ जबरन बदसलूकी किया गया और बिना वजह गिरफ्तार किया गया.
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समाजवादी पार्टी ने उठाई आवाज, कहा – अब उम्मीद भाजपा से नहीं, सपा ही देगी न्याय
समाजवादी पार्टी ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया है. पार्टी के आधिकारिक ट्विटर (X) हैंडल से जारी पोस्ट में कहा गया है की,
69000 शिक्षक भर्ती मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार. इस सरकार से तो सारी उम्मीदें खत्म. सपा सरकार बनने पर ही मिलेंगी नौकरियां और हर वर्ग को न्याय.सपा नेताओं ने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था के सवालों से भाग रहा है.
शिक्षक भर्ती का इतिहास – वर्षों से लटकी नियुक्तियों ने बढ़ाई बेरोजगारी
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामला वर्ष 2019 से विवादों में है. बार-बार परीक्षा, कोर्ट केस, उत्तर कुंजी विवाद, आरक्षण में गड़बड़ी और मेरिट कटऑफ जैसे मुद्दों ने इस भर्ती को जटिल बना दिया है. लाखों अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर चुका हैं. लेकिन सरकार अब तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठा सका है.
युवा बोले – सरकार सिर्फ वादे करती है, रोजगार नहीं देती
प्रदर्शन में शामिल एक अभ्यर्थी ने कहा कि,
हमने बीएड, टीईटी करके सालों इंतज़ार किया, लेकिन सरकार सिर्फ तारीखें बदलता रहा . अब हम सड़क पर उतरने को मजबूर हैं.
कई छात्र संगठनों ने चेतावनी दिया है कि अगर जल्द न्याय नहीं मिला तो राज्यभर में आंदोलन और तेज किया जायेगा.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.


















