बोले,अब रणजी ट्रॉफी में भी चार टीम बनवाना चाहती है
तीसरा पक्ष ब्यूरो लखनऊ, 7 सितंबर 2025 – उत्तर प्रदेश की राजनीति में शब्दों के तीर एक बार फिर चलने लगा हैं.समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार और उसके संगठन पर व्यंग्य करते हुए तीखा हमला बोला है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार चार-चार गुटों में बंटी हुई है और अब वह अपनी इस गुटबाज़ी को खेल के मैदान तक ले जाना चाहते है.
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि, सरकार, संगठन, परिषद और वाहिनी की चार टीमों की गुटबाज़ी में बँटे लोग अब रणजी ट्रॉफी में भी उप्र की चार टीमों की बात कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि 4 टीमों के बहाने कुछ लोग तो मैच देखने आएंगे और जब वो हमारे बनाए स्टेडियम में जाएंगे तो सौ-दो सौ दर्शक जुट जाएंगे.उन्हें क्रिकेट की नहीं, आत्मप्रचार की चिंता है.
सरकार की खेल नीति पर सवाल
अखिलेश यादव का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब उत्तर प्रदेश से रणजी ट्रॉफी में चार टीम उतारने का प्रस्ताव चर्चा में है.क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों का मानना है कि एक राज्य से एक ही टीम मैदान में उतारना परंपरा रही है.लेकिन यहां चार अलग-अलग टीमों की बात सामने आने से यह विवाद का विषय बन गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि भाजपा को खिलाड़ियों के भविष्य की चिंता नहीं है.उसका मुख्य मकसद केवल आत्मप्रचार करना है. अखिलेश का सीधा इशारा इस ओर था कि सरकार खेलों को बढ़ावा देने के नाम पर केवल प्रचार-प्रसार कर रही है.जबकि खिलाड़ियों को वास्तविक सुविधा और अवसर उपलब्ध नहीं करा रही है.
हमारे बनाए स्टेडियम का जिक्र
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में, हमारे बनाए स्टेडियम का भी जिक्र किया है. यह बयान उनके उस दावे को मजबूत करता है जिसमें वे अक्सर कहते रहे हैं कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक स्टेडियम और खेल अधोसंरचना का निर्माण हुआ था. उनका आरोप है कि मौजूदा सरकार उन्हीं परियोजनाओं का श्रेय खुद लेने की कोशिश करती है.
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राजनीतिक तंज के पीछे छुपा बड़ा संदेश
सियासी जानकारों का मानना है कि अखिलेश यादव का यह ट्वीट महज एक व्यंग्य नहीं है.बल्कि इसके पीछे गहरा राजनीतिक संदेश भी छुपा हुआ है.वे लगातार यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा सरकार केवल दिखावे की राजनीति करती है और उसके भीतर गुटबाज़ी इतनी गहरी है कि वह अब खेल और संस्कृति के क्षेत्र में भी साफ दिखाई देने लगी है.
रणजी ट्रॉफी विवाद ने पकड़ा तूल
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के भीतर रणजी ट्रॉफी के लिए चार टीम उतारने के प्रस्ताव ने राज्य में नया विवाद खड़ा कर दिया है. खेल विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय क्रिकेट के स्तर को गिरा सकता है. एक ओर जहां मुंबई, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्य दशकों से अपनी एक टीम के जरिए खेल की गुणवत्ता बनाए हुए हैं.वहीं यूपी में चार टीम उतारने की सोच यह साबित करती है कि यहां खिलाड़ियों की बजाय राजनीति हावी है.
विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा
सपा सहित अन्य विपक्षी दल इस विवाद को भाजपा सरकार की नाकामी से जोड़कर देख रहे .विपक्ष का कहना है कि सरकार खिलाड़ियों की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान देने की बजाय केवल खेलों को राजनीतिक मंच के तौर पर इस्तेमाल कर रही है.अखिलेश यादव ने भी इसी मुद्दे को उठाते हुए भाजपा पर तीखा प्रहार किया है.
भाजपा की संभावित प्रतिक्रिया
हालांकि भाजपा की ओर से इस ट्वीट पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा इसे विपक्ष की हताशा बताकर पलटवार कर सकती है. भाजपा का तर्क अक्सर यही रहा है कि सपा सरकार ने अधूरे प्रोजेक्ट छोड़े थे. जिन्हें मौजूदा सरकार ने पूरा किया है.ऐसे में रणजी ट्रॉफी विवाद पर भाजपा का रुख सामने आना दिलचस्प होगा.
निष्कर्ष
अखिलेश यादव का यह ट्वीट एक बार फिर यह साबित करता है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में खेल और आत्मप्रचार भी एक अहम मुद्दा बनते जा रहे हैं.रणजी ट्रॉफी में चार टीमों के विवाद ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का नया मौका दे दिया है.आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस मुद्दे पर क्या सफाई कैसे देता है
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















