शिक्षकों से बदलाव की लड़ाई में आगे आने का आह्वान
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 14 सितंबर 2025 – बिहार की राजनीति में चुनावी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं.इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शिक्षक प्रकोष्ठ ने आगामी विधानसभा चुनाव को धार देने के लिए अपनी वैचारिक मुहिम को और मजबूत किया है.रविवार को पटना स्थित राजद प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में विपक्ष के नेता श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने शिक्षक प्रकोष्ठ द्वारा संपादित पुस्तक “वैचारिकी स्मारिका 2025” का विमोचन किया है.

कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में शिक्षक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी, शिक्षाविद् और पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इस मौके पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री कुमार राय ने किया है.
शिक्षा व्यवस्था पर कड़ा हमला
विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार की शिक्षा नीति और उसके रवैये पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में आज शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है और इसका सीधा असर छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है.

तेजस्वी ने कहा कि, यह पहली सरकार है जिसने शिक्षकों और छात्रों दोनों को एक साथ प्रताड़ित करने का काम किया है.जिस तरह का माहौल इस समय बिहार में बनाया जा रहा है, उसमें शिक्षकों को और भी सतर्क रहकर काम करना होगा.सरकार की अराजक और अलोकतांत्रिक नीतियों का डटकर विरोध करना ही समय की मांग है.
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शिक्षकों की भूमिका पर जोर
तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि आगामी सत्ता परिवर्तन में शिक्षकों की भूमिका निर्णायक होगी.उन्होंने कहा कि शिक्षक न केवल ज्ञान के वाहक हैं बल्कि समाज में बदलाव की चेतना जगाने वाले भी हैं.
उन्होंने आह्वान किया कि, शिक्षक प्रकोष्ठ को गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करना होगा. आज सबसे अधिक उत्पीड़न का शिकार शिक्षक ही हैं और उनकी लड़ाई सिर्फ उनकी नौकरी और अधिकारों की नहीं है, बल्कि पूरे समाज और शिक्षा व्यवस्था की लड़ाई है. राजद हर स्तर पर उनके साथ खड़ी है और सत्ता में आने पर उनके अधिकारों और सम्मान की बहाली सुनिश्चित की जाएगी.
डबल इंजन सरकार पर निशाना
राजद नेता ने सत्तारूढ़ डबल इंजन सरकार पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद शिक्षकों को न्याय नहीं मिल पा रहा है.उल्टे उनके साथ लगातार भेदभाव और उपेक्षा का व्यवहार किया जा रहा है.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में बदलाव की हवा चल रही है और इस परिवर्तन की बुनियाद शिक्षकों और छात्रों को मिलकर रखनी होगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि राजद की अगली सरकार शिक्षकों के सम्मान, अधिकार और भविष्य को प्राथमिकता देगी.
बड़े नेताओं की मौजूदगी
इस कार्यक्रम में राजद के कई दिग्गज नेता भी मौजूद रहे और अपने विचार रखे। इनमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री उदयनारायण चौधरी, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी, राज्यसभा सांसद संजय यादव, राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव, राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. सुबोध मेहता, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, पूर्व विधायक डॉ. अनवर आलम, रामाशीष यादव, प्रो. शिवसागर सिंह, प्रो. चंद्रदीप यादव, प्रो. अजय कुमार, प्रो. अनुपम सिंह, मोहन कुमार, वीरेंद्र प्रसाद कुशवाहा, श्रीमती शशिकला, डॉ. शत्रुघन यादव, नितेश कुमार, प्रो. खलिकुउज्जमा खान, प्रो. इश्तियाक अहमद, उपेंद्र चंद्रवंशी समेत कई अन्य प्रमुख नेता और शिक्षाविद शामिल थे.
इन नेताओं ने भी शिक्षकों की समस्याओं और बिहार में बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की और राजद के नेतृत्व में संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया है.
निष्कर्ष
राजद शिक्षक प्रकोष्ठ की “वैचारिकी स्मारिका 2025” का विमोचन सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं बल्कि बिहार के बदलते राजनीतिक माहौल का संकेत भी है.तेजस्वी यादव ने जिस तरह शिक्षकों को बदलाव की लड़ाई का मुख्य स्तंभ बताया, उससे स्पष्ट है कि आने वाले चुनाव में राजद शिक्षकों और छात्रों के मुद्दों को केंद्र में रखकर सत्ता विरोधी लहर को और मजबूत करने की रणनीति बना रही है.

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