2005 से पहले ऐसा होता था क्या? – तेजस्वी का पलटवार
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 15 सितंबर 2025 –बिहार की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है.शहरी विकास मंत्री जीवेश मिश्रा पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने दरभंगा जिले के सिंघवारा में एक पत्रकार की बर्बर पिटाई की और उसे माँ–बहन की गालियां तक दिया है. यह मामला सामने आने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने एक पोलो रोड स्थित आवास पर ताबड़तोड़ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है.

तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सामने वीडियो सबूत पेश करते हुए कहा,
एक पत्रकार का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने मंत्री से यह पूछ लिया कि 10 सालों में आपके क्षेत्र जाले में विकास क्यों नहीं हुआ, सड़कें अब भी टूटी क्यों पड़ी हैं.इस पर मंत्री साहब बौखला गए, पत्रकार को बुरी तरह पीटा, गालियां दी और कैमरा तक छीन लिया है.
तेजस्वी ने सवाल दागा – प्रधानमंत्री जी आज बिहार में हैं, उन्हें देश और प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि मंत्री के ऐसे कृत्य को क्या जंगलराज नहीं कहा जाए? क्या पत्रकारों की माँ–बहन का कोई सम्मान नहीं?
2005 से पहले ऐसा होता था क्या? – तेजस्वी का पलटवार
तेजस्वी यादव ने नीतीश–मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार में अराजकता चरम पर है. उन्होंने तंज कसा कि –
2005 से पहले पत्रकारों के साथ ऐसी घटनाएं होती थीं क्या? जब सवाल पूछने पर पत्रकार को पीटा जा रहा है, गालियां दी जा रही हैं, कैमरा छीना जा रहा है, तो आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार होता होगा, यह सोचकर ही सिहरन होती है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस दबाव में काम कर रही है और सिंघवारा थाना मंत्री पर एफआईआर दर्ज करने से कतरा रहा है.
क्या बिहार में कानून मंत्री और आम आदमी के लिए अलग-अलग है? आखिर किसके दबाव में पुलिस FIR नहीं ले रही है? – तेजस्वी
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प्रधानमंत्री की टीम में अपराधी और कलंकित लोग!
तेजस्वी ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री की टीम में ऐसे नेताओं की भरमार है जिन पर गंभीर आरोप हैं.
जीवेश मिश्रा वही व्यक्ति हैं जिन्हें नकली दवा बनाने के मामले में राजस्थान की अदालत सजा सुना चुकी है. फिर भी वे मंत्री बने बैठे हैं. प्रधानमंत्री की टीम में बृजभूषण शरण सिंह, प्रज्वल रेवन्ना और अब जीवेश मिश्रा जैसे लोग हैं.यह बताता है कि भाजपा असल में अपराधियों को संरक्षित करती है.
पत्रकारों को चुप नहीं रहना चाहिए
तेजस्वी ने कहा कि यह सिर्फ एक पत्रकार की लड़ाई नहीं है, बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है. उन्होंने बिहार के सभी पत्रकारों से अपील किया कि वे मंत्री की बर्खास्तगी और उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाने के लिए दबाव बनाएं.
अगर पत्रकार की माँ–बहन को गालियां दी जाएं और पत्रकार की पिटाई हो, तो चुप रहना लोकतंत्र के लिए घातक है.
दरभंगा जाकर पत्रकार से मिले तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि वे खुद दरभंगा जाकर पीड़ित पत्रकार सहनी से मिलेंगे और सिंघवारा थाना पहुंचकर FIR दर्ज करवाने की कोशिश करेंगे.
सरकार चाहे जितना बचा ले, लेकिन हम न्याय दिलाकर रहेंगे.
बिहार में महाजंगलराज
तेजस्वी ने कटाक्ष किया कि आज की सरकार में हालात यह हैं:
घूस लो, पकड़े नहीं जाओगे.
हत्या करो, सजा नहीं मिलेगी.
पत्रकार को पीटो, गाली दो – पुलिस FIR तक दर्ज नहीं करेगी.
उन्होंने पूछा कि –
कल तक प्रधानमंत्री जी अपनी माँ के नाम पर बिहार बंद कराते थे.आज जब उनके मंत्री ने पत्रकार की माँ–बहन को गालियां दीं, तो उनकी जुबान क्यों सिल गई है? दरभंगा बंद कब होगा? बिहार बंद कब होगा?
निष्कर्ष
तेजस्वी यादव का यह प्रेस कॉन्फ्रेंस सीधे-सीधे सरकार और प्रशासन की पोल खोलता है.पत्रकार की पिटाई और गालियों का मामला अब सिर्फ एक व्यक्ति की समस्या नहीं रहा, बल्कि बिहार की लोकतांत्रिक मर्यादाओं और पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर गहरी चोट बन गया है.
तेजस्वी ने साफ कहा – यह लड़ाई अब सिर्फ सहनी जी की नहीं, बल्कि पूरे बिहार के सम्मान की है.जनता ऐसे लोगों को जल्द ही सबक सिखाएगी.

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