कहा “इतना बड़ा झूठ खुद को भी लज्जित करता है”
तीसरा पक्ष ब्यूरो लखनऊ,19 सितंबर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल ही में भाजपा के एक नेता के बयान को लेकर तीखा हमला बोला है.उन्होंने इसे ,बेहद शर्मनाक करार देते हुए कहा कि इतना बड़ा झूठ बोलना न सिर्फ दूसरों के सामने बल्कि अपने आप को भी लज्जित करता है.
अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल @yadavakhilesh पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि,इतना बड़ा झूठ भी नहीं बोलना चाहिए कि इंसान अपनी निगाह में गिर जाये.सफेद झूठ से व्यक्ति की गरिमा और उस पद की प्रतिष्ठा भी गिरती है जिस पर वह बैठा हो.
उन्होंने आगे कहा कि सत्ता का लालच ही ऐसा बनाता है कि कुछ नेता सार्वजनिक रूप से उपलब्ध प्रमाणों के विपरीत बात कहने से भी नहीं चूकते.इतना बड़ा झूठ बोलना तभी संभव होता है जब व्यक्ति चेतना खो दे या अपने आदर्श और सत्य के संस्कार को भूल जाए,उन्होंने अपने ट्वीट में उल्लेख किया है.
अखिलेश यादव ने भाजपा और उनके सहयोगियों पर भी कटाक्ष किया है.उनका कहना है कि ऐसे झूठ बोलने वाले अपने अनुयायियों को महामूर्ख समझते हैं और सोचते हैं कि लोग उनकी हर बात को सच मानेंगे.लेकिन ऐसा नहीं होता.जनता स्वयं साक्षी है और झूठ को पहचानती है,उन्होंने ट्वीट में लिखा.
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे नेता अपने पद की गरिमा और प्रतिष्ठा का ध्यान रखें.अगर अपनी गरिमा की चिंता नहीं है, तो कम से कम पद की गरिमा का सम्मान कीजिये. वैसे उनसे सच की उम्मीद करना बेकार है जो महाकुंभ जैसे पवित्र अवसर पर सनातनी हिंदुओं की मृत्यु पर झूठ बोल चुके हैं.आज सत्य अपने आप को बौना महसूस कर रहा होगा.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्वीट आगामी चुनावी राजनीति में भाजपा और सपा के बीच बढ़ती कड़ी राजनीतिक टकराव का संकेत है.सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के बयान पर विपक्ष द्वारा की गई आलोचना अक्सर मीडिया और सोशल प्लेटफार्म पर काफी चर्चा में रहती है.
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सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव का यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है. ट्विटर और अन्य प्लेटफार्म पर उनके समर्थक और आलोचक दोनों ही इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. समर्थकों ने इसे साहसिक कदम बताया है, जबकि आलोचक इसे राजनीतिक चाल के रूप में देख रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि ऐसे ट्वीट न केवल जनता को जागरूक करते हैं, बल्कि नेताओं की व्यक्तिगत और पद की गरिमा पर भी सवाल उठाते हैं.अखिलेश यादव का यह बयान स्पष्ट संदेश देता है कि जनता झूठ को आसानी से स्वीकार नहीं करेगी और नेताओं को सच बोलने के लिए मजबूर करेगा, एक विश्लेषक ने कहा.
इस ट्वीट के बाद सपा और भाजपा के बीच राजनीतिक बहस और तेज होने की संभावना है.आगामी महीनों में दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच बयानबाजी और बहस और गहरी होने की उम्मीद जताई जा रही है.
निष्कर्ष
अखिलेश यादव का यह ट्वीट राजनीतिक सरगर्मी और सार्वजनिक बहस के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि झूठ बोलने से न केवल व्यक्ति की गरिमा गिरती है, बल्कि जनता की आं.खों में भी उसकी विश्वसनीयता खत्म हो जाती है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ऐसे बयान आगामी चुनावों में जनता की सोच पर असर डाल सकते हैं।

मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.