बिहार अधिकार यात्रा: जनता का अभूतपूर्व समर्थन, भाजपा बैकफुट पर
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 21 सितंबर 2025 – बिहार की राजनीति इन दिनों पूरी तरह से तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ के इर्द-गिर्द घूम रही है. हर जिले और गांव में इस यात्रा को जिस तरह से जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है, उसने सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगियों को बैकफुट पर धकेल दिया है. यही वजह है कि भाजपा अब मुद्दों पर बात करने की बजाय भ्रम फैलाने और ध्यान भटकाने की रणनीति अपनाने में लगी है.

राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि भाजपा तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता और जनता से सीधे जुड़ाव को देखकर स्पष्ट रूप से घबरा गई है.यात्रा में तेजस्वी यादव जिन मुद्दों को उठा रहे हैं—जैसे बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, किसानों की बदहाली और युवाओं का पलायन—उन पर भाजपा के पास कोई ठोस जवाब नहीं है. यही कारण है कि विपक्षी दल के खिलाफ लगातार कुचक्र और प्रपंच रचे जा रहे हैं.
जनता समझ रही है भाजपा की रणनीति
गगन ने कहा कि बिहार की जनता अब राजनीति के इन खेलों को भली-भांति समझ चुकी है. लोग जानते हैं कि भाजपा जब भी असहज होती है, तो मुद्दों से भटकाने के लिए फर्जी नैरेटिव और भ्रामक वीडियो सामने लाए जाते हैं.यही स्थिति इस समय भी देखने को मिल रही है.
भाजपा के इशारे पर कुछ वीडियो क्लिप सोशल मीडिया और चैनलों पर वायरल किए जा रहे हैं, जिनमें दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया गया. इस पर गगन ने कहा कि राजद का संस्कार ऐसा नहीं है कि वह किसी भी व्यक्ति, चाहे वह प्रधानमंत्री ही क्यों न हों, के खिलाफ अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करे.
वीडियो की विश्वसनीयता संदिग्ध
राजद प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि जिन वीडियो को दिखाया जा रहा है, उनकी विश्वसनीयता ही संदिग्ध है.भाजपा की राजनीति लंबे समय से झूठ और प्रपंच पर टिकी हुई है, इसलिए इस तरह के हथकंडे उसके लिए नए नहीं हैं.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने वास्तव में प्रधानमंत्री के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया है तो राजद उसकी कड़ी निंदा करता है.साथ ही इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.
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बिहार की बदलती राजनीति
विशेषज्ञ मानते हैं कि तेजस्वी यादव की ‘अधिकार यात्रा’ भाजपा की रणनीति के लिए चुनौती बनती जा रही है.ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक, युवा वर्ग और किसान इस यात्रा से बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं.
भाजपा ने अब तक विकास के नाम पर जो वादे किए थे, वे धरातल पर उतने प्रभावी साबित नहीं हुए हैं. रोजगार और शिक्षा के सवाल पर सरकार लगातार घिरी हुई है.ऐसे में तेजस्वी यादव द्वारा इन मुद्दों को केंद्र में लाना सीधे-सीधे भाजपा की कमजोर नस पर चोट है.
प्रपंच की राजनीति बनाम मुद्दों की राजनीति
राजद नेताओं का कहना है कि जनता अब चाहती है कि राजनीति वास्तविक मुद्दों पर हो, न कि झूठे वीडियो और आरोप-प्रत्यारोप पर. गगन ने कहा कि ,
“भाजपा यह समझ ले कि अब बिहार की जनता आंख मूंदकर झूठ पर विश्वास करने वाली नहीं है. लोगों ने अनुभव कर लिया है कि किस तरह पिछले वर्षों में ध्यान भटकाने वाली राजनीति ने राज्य के विकास को रोक दिया.
निष्कर्ष
तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ ने बिहार की सियासत को नई दिशा दे दी है. जनता के बीच यह यात्रा सिर्फ राजनीतिक अभियान नहीं बल्कि एक जनआंदोलन का रूप लेती जा रही है.दूसरी ओर, भाजपा और उसके सहयोगियों के पास फिलहाल ठोस जवाब नहीं है और यही कारण है कि वे विरोधी खेमे को बदनाम करने के लिए प्रपंच का सहारा ले रहे हैं.
राजद ने साफ कहा है कि किसी भी प्रकार की अभद्र भाषा का वह समर्थन नहीं करता है.साथ ही पार्टी ने भाजपा को चेताया है कि झूठ और भ्रम फैलाकर अब जनता को ज्यादा दिनों तक गुमराह नहीं किया जा सकता है.
यह लेख बिहार की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों, तेजस्वी यादव की यात्रा और राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन के आधिकारिक बयान पर आधारित है.

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