UKSSSC पेपर लीक मामले पर चंद्रशेखरआजाद का बड़ा बयान
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,29 सितंबर 2025 : उत्तराखंड में हाल ही में सामने आया UKSSSC भर्ती परीक्षा का पेपर लीक राज्यभर के लाखों युवाओं और उनके परिवारों के लिए गहरा झटका साबित हुआ है.यह केवल एक परीक्षा का मुद्दा नहीं बल्कि मेहनत, संघर्ष और विश्वास के साथ किया गया बड़ा अन्याय है. इस मुद्दे पर भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने सरकार पर तीखा हमला बोला है और छात्रों की जायज मांगों के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं.

पेपर लीक कांड: युवाओं के सपनों पर प्रहार
भर्ती परीक्षाएं उन युवाओं के लिए जीवन बदलने का मौका होती हैं जो गरीब मजदूर, किसान और मध्यम वर्गीय परिवारों से आते हैं. सालों की मेहनत और संघर्ष के बाद जब वे परीक्षा कक्ष में बैठते हैं, तब उन्हें उम्मीद होती है कि उनकी काबिलियत ही उनका भविष्य तय करेगी. लेकिन जब परीक्षा का पेपर लीक हो जाता है, तो यह उनकी मेहनत के साथ-साथ उनके सपनों का भी अपमान है.
चंद्रशेखर आजाद ने अपने बयान में साफ कहा है कि यह सिर्फ परीक्षा की गड़बड़ी नहीं बल्कि गरीब और मध्यम वर्गीय युवाओं के संघर्ष के साथ अन्याय है.
छात्र आंदोलन और भूख हड़ताल
पेपर लीक से आक्रोशित छात्रों ने न्याय की मांग में देहरादून में भूख हड़ताल शुरू किया था. भूख हड़ताल लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज़ उठाने का सबसे शांतिपूर्ण और प्रभावी तरीका है. लेकिन छात्रों को जबरन हटाया गया, जिससे उनकी लड़ाई को दबाने का प्रयास हुआ है.
इसके बावजूद विरोध की आवाजें केवल देहरादून और हल्द्वानी तक सीमित नहीं रहीं. उत्तरकाशी के बड़कोट में युवाओं, महिलाओं और अभिभावकों ने हाथों में मशाल लेकर सड़कों पर उतरकर सरकार को कड़ा संदेश दिया है.यह आंदोलन दर्शाता है कि अब युवाओं की नाराज़गी सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रही बल्कि पूरे राज्य में फैल रही है.
नकल जिहाद” बयान पर विवाद
इस पूरे मामले को और अधिक संवेदनशील तब बना दिया गया जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे “नकल जिहाद” का नाम दिया है.बीजेपी आईटी सेल ने भी पहले इसे नेपाल के Gen Z से जोड़ने की कोशिश किया है. चंद्रशेखर आज़ाद ने इस बयान की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि छात्रों की जायज मांग को,जिहादी” बताना न केवल अपमानजनक है बल्कि पूरे देश के लिए चिंता और शर्म की बात है.
छात्रों के संघर्ष को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास युवाओं की समस्याओं से ध्यान भटकाने की कोशिश माना जा रहा है.
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चंद्रशेखर आज़ाद की मांगें
भीम आर्मी प्रमुख ने साफ कहा कि उत्तराखंड सरकार को छात्रों की मांगों को गंभीरता से लेना चाहिये.उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
पेपर लीक के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाये.
स्नातक स्तरीय परीक्षा को तुरंत रद्द किया जाये .
सीबीआई जांच कराई जाए ताकि निष्पक्षता बनी रहे.
आजाद ने कहा कि छात्रों का दर्द सिर्फ उनका नहीं बल्कि उनके परिवारों का भी है.उनकी लड़ाई दरअसल पूरे समाज की लड़ाई है और इसे किसी भी कीमत पर दबाया नहीं जा सकता.
युवाओं का गुस्सा और समाज की चिंता
आज भारत का युवा बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अवसरों की कमी से जूझ रहा है. भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होना उनकी पहले से टूटी उम्मीदों पर और प्रहार करता है.जब मेहनती छात्र भूख हड़ताल पर बैठकर न्याय की गुहार लगाते हैं और सरकार उन्हें जबरन उठवा देती है, तो यह लोकतंत्र की आत्मा पर भी चोट है.
चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि छात्रों की लड़ाई दरअसल देश के भविष्य की लड़ाई है.अगर युवाओं को न्याय नहीं मिला, तो समाज का विश्वास लोकतांत्रिक संस्थाओं से उठ जायेगा.
निष्कर्ष
उत्तराखंड पेपर लीक कांड ने न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश के युवाओं को झकझोर कर रख दिया है. चंद्रशेखर आज़ाद का यह बयान छात्रों की पीड़ा और उनके संघर्ष की सच्ची तस्वीर पेश करता है. यह लड़ाई सिर्फ परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने की नहीं, बल्कि समाज में न्याय और विश्वास को बचाए रखने की है.
सरकार को चाहिये कि वह छात्रों की आवाज़ सुने, उनकी मांगों को स्वीकार करे और इस मामले में कठोर कार्रवाई करे.क्योंकि युवाओं के अधिकार, सपने और भविष्य किसी भी राजनीतिक समीकरण से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं.
नोट :यह न्यूज भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद (@BhimArmyChief) के आधिकारिक X (Twitter) पोस्ट पर आधारित है
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















