कांग्रेस और कन्हैया कुमार का गंभीर आरोप
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,4 अक्टूबर 2025 – बिहार की राजनीति इन दिनों एक बार फिर गरमा गई है. कांग्रेस पार्टी और NSUI प्रभारी कन्हैया कुमार ने राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उनका कहना है कि वर्तमान सरकार केवल “वोट चोर” ही नहीं बल्कि “जमीन चोर” भी बन चुकी है. हाल ही में बिहार में जमीन सर्वे को लेकर उठे विवाद के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार का मकसद विकास या सुधार नहीं है, बल्कि आम लोगों की जमीनें छीनकर अपने उद्योगपति दोस्तों के हवाले करना है.
कांग्रेस और कन्हैया कुमार का आरोप
कन्हैया कुमार ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट (X/Twitter) के माध्यम से कहा कि बिहार में जमीन सर्वे के नाम पर आम लोगों को परेशान किया जा रहा है.
लोगों को मजबूर किया जा रहा है कि वे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाएं.
जमीन के कागजात लेकर आम जनता घूसखोरी के नेक्सस में फंस रही है.
सरकार का असली मकसद सर्वे नहीं बल्कि लोगों की जमीन पर कब्जा करना है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की गिद्ध नजर बिहार की उपजाऊ जमीन पर है.
जमीन सर्वे की हकीकत
बिहार में लंबे समय से जमीन सुधार और सर्वे की मांग होता रहा है.सरकार ने इस प्रक्रिया की घोषणा की, लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह केवल दिखावा है.
जमीन मालिकों की मुश्किलें बढ़ीं – छोटे किसान और गरीब वर्ग जमीन के कागजों के लिए महीनों से दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं.
भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हुईं – रिश्वतखोरी का खेल तेज हो गया है.अधिकारी बिना टैक्स’ लिए काम नहीं कर रहे.
सर्वे का उद्देश्य संदिग्ध – विपक्ष का आरोप है कि यह सर्वे महज एक बहाना है ताकि बड़े उद्योगपतियों के लिए जमीन अधिग्रहण का रास्ता आसान हो सके.
जनता की चिंता
बिहार के लोग, खासकर किसान और मजदूर वर्ग, इस मुद्दे पर बेहद चिंतित हैं.
किसान डर रहे हैं कि उनकी पुश्तैनी जमीन छिन सकता है.
गरीब वर्ग को अपनी जमीन बचाने के लिए कानूनी और प्रशासनिक लड़ाई लड़ना पड़ सकता है.
युवाओं में गुस्सा है कि रोजगार देने के बजाय सरकार जमीन छीनने पर आमादा है.
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क्या कहती है कांग्रेस?
कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि यह “जमीन लूट योजना” दरअसल सरकार की असली सोच को उजागर करती है.
विकास और सर्वे का ढोंग रचकर सरकार अपने पूंजीपति दोस्तों को लाभ पहुंचाना चाहती है.
वोट चोर सरकार अब जमीन चोर बन चुका है.
यह केवल बिहार की समस्या नहीं बल्कि देशभर में लागू की जाने वाली बड़ी रणनीति का हिस्सा है.
कन्हैया कुमार की भूमिका
NSUI प्रभारी और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का यह बयान खास मायने रखता है क्योंकि वे बिहार की राजनीति में युवा चेहरा माने जाते हैं.
उन्होंने हमेशा किसानों, मजदूरों और गरीब तबकों की आवाज उठाई है.
कन्हैया कुमार ने स्पष्ट कहा कि अगर सरकार जमीन छीनने की कोशिश करेगी तो कांग्रेस और छात्र संगठन सड़कों पर उतरेंगे.
बिहार की राजनीति पर असर
इस पूरे विवाद ने बिहार की राजनीति को एक नई दिशा दे दी है.
विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का नया मुद्दा मिल गया है.
चुनावी माहौल में “जमीन चोर सरकार” का नारा लोगों के बीच असर डाल सकता है.
ग्रामीण इलाकों में किसानों और गरीबों के बीच यह मुद्दा गहराई से गूंजने लगा है.
निष्कर्ष
बिहार में जमीन सर्वे को लेकर कांग्रेस और कन्हैया कुमार के आरोपों ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. जनता की परेशानियों और भ्रष्टाचार की कहानियों ने इस विवाद को और गहरा बना दिया है.अगर वास्तव में सरकार का उद्देश्य केवल जमीन अधिग्रहण है, तो आने वाले समय में यह मुद्दा बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















