कहा – जनता का दिल जीतने वाले को आप क्यों सह नहीं पा रहे हैं?
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,5 अक्टूबर 2025 — भारतीय राजनीति में बयानबाज़ी का दौर नया नहीं है, लेकिन जब बात जनता के दिल से जुड़े मुद्दों की आती है, तो शब्दों का असर गहराई तक जाता है. कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला.अपने X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से किए गए पोस्ट में उन्होंने कहा कि “जो जनता के सुख-दुख में साथ खड़ा होता है, उनके आंसू पोंछता है, उनके हक़ की लड़ाई लड़ता है — वही असली जननायक है. उन्होंने स्पष्ट रूप से इशारा किया कि ऐसे नेता राहुल गांधी हैं, जिन्हें जनता प्यार और इज़्ज़त से ‘जननायक’ कह रही है.
सुप्रिया श्रीनेत का बयान और राजनीतिक सन्देश
सुप्रिया श्रीनेत का यह बयान सिर्फ एक ट्वीट नहीं, बल्कि एक गहरी राजनीतिक टिप्पणी है. उन्होंने यह सवाल उठाया कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राहुल गांधी के बढ़ते जनसमर्थन से इतनी तकलीफ क्यों है?
दरअसल, राहुल गांधी की हाल की यात्राएं – जैसे भारत जोड़ो यात्रा और भारत न्याय यात्रा – ने उन्हें जनता से सीधा जोड़ने का मौका दिया.इन यात्राओं के दौरान राहुल गांधी ने हर वर्ग, हर समुदाय और हर प्रदेश के लोगों से संवाद किया, जिससे उनकी छवि एक “ग्राउंडेड लीडर” के रूप में उभरी.
जननायक’ की राजनीति का अर्थ
भारतीय राजनीति में ‘जननायक’ शब्द बहुत गूंजदार है .यह सिर्फ लोकप्रियता का प्रतीक नहीं, बल्कि जनता के संघर्षों में साथ देने वाले नेता की पहचान भी है.
कर्पूरी ठाकुर, जयप्रकाश नारायण और लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेताओं को ‘जननायक’ इसलिए कहा गया क्योंकि वे सत्ता से नहीं, जनता से ताकत लेते थे.
सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि राहुल गांधी भी उसी परंपरा के वाहक हैं — जो जनता के हक़ की लड़ाई में किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटते.
मोदी बनाम राहुल: दो छवियों की जंग
यह बयान उस राजनीतिक दौर में आया है जब देश में 2025-26 के चुनावी समीकरण बनने लगे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी की छवि एक मज़बूत और निर्णायक नेता की है, जबकि राहुल गांधी अपनी “संवेदनशील और जनता से जुड़ी” छवि पर काम कर रहे हैं.
सुप्रिया श्रीनेत का ट्वीट इसी छवि युद्ध को हवा देता है.उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि राहुल गांधी का जननायकत्व जनता ने तय किया है, किसी प्रचार अभियान ने नहीं.
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सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सुप्रिया श्रीनेत का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
कांग्रेस समर्थकों ने इसे राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता का सबूत बताया, जबकि भाजपा समर्थकों ने इसे ‘राजनीतिक निराशा’ से प्रेरित बयान कहा.
ट्वीट पर हजारों रीपोस्ट और टिप्पणियाँ आईं — कुछ ने कहा “जननायक राहुल गांधी जिंदाबाद”, तो कुछ ने लिखा “देश का असली नेता मोदी ही है.
विश्लेषण: राजनीतिक संदेश और प्रभाव
सुप्रिया श्रीनेत का यह ट्वीट कांग्रेस की व्यापक रणनीति का हिस्सा भी माना जा सकता है. पार्टी अब राहुल गांधी को सिर्फ एक ‘राजनीतिक वारिस’ के बजाय एक भावनात्मक और जनता से जुड़े नेता के रूप में पेश कर रही है.
इस रणनीति का उद्देश्य भाजपा के राष्ट्रवाद और विकास नैरेटिव के मुकाबले संवेदना और न्याय का नैरेटिव खड़ा करना है.
अगर जनता इस भावनात्मक संदेश से जुड़ती है, तो राहुल गांधी की छवि आने वाले चुनावों में और मजबूत हो सकती है।
निष्कर्ष
सुप्रिया श्रीनेत का ट्वीट सिर्फ एक राजनीतिक हमला नहीं, बल्कि नेतृत्व की परिभाषा पर बहस की शुरुआत भी है.
उन्होंने जो सवाल उठाया – जनता का जननायक कौन? – वही आने वाले चुनावों का असली मुद्दा बन सकता है.
राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ रही है, मोदी की छवि अभी भी मज़बूत है, लेकिन जनता अब यह तय करेगी कि सच्चा जननायक कौन है – सत्ता में बैठा नेता या जनता के बीच चलने वाला.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















