राजद शासनकाल को बताया बिहार का सबसे अंधकारमय दौर
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 5 अक्टूबर 2025 — केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने शनिवार को पटना स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार की जनता को चेताते हुए कहा कि राजद और लालू परिवार का शासनकाल (1990–2005) बिहार के इतिहास का सबसे भयावह दौर था. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग उस,जंगलराज को कभी नहीं भूल सकते जब हत्या, अपहरण, लूट और बलात्कार राज्य की पहचान बन चुका था.
राजद का मतलब है अपराध, भ्रष्टाचार और जंगलराज
नित्यानंद राय ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल का पर्यायवाची शब्द ही है अपराध और भ्रष्टाचार.1990 से 2005 तक बिहार में जिस तरह की हिंसा और असुरक्षा फैली, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक था.
उन्होंने आरोप लगाया कि है की ,
“राजद शासन में अपहरण एक उद्योग बन चुका था और उस उद्योग का संचालन लालू परिवार के संरक्षण में होता था.मुख्यमंत्री आवास से ही फिरौती की डील होती थी और अपराधियों को राजनीतिक सुरक्षा मिलती थी.
उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 1990 से 2005 के बीच बिहार में 32,000 से अधिक अपहरण की घटनाएं दर्ज हुईं.इस दौरान लोगों के लिए दिन में घर से बाहर निकलना भी डर का कारण बन गया था.
राजद शासनकाल में 18,000 से ज्यादा हत्याएं, 59 नरसंहार, और सैकड़ों निर्दोषों की जान गई
राज्यमंत्री राय ने कहा कि लालू-राबड़ी शासन के 15 वर्षों में 18,136 हत्याओं को अंजाम दिया गया.
उन्होंने खुलासा किया कि 59 जातीय नरसंहारों में 600 से अधिक निर्दोषों की हत्या हुई, लेकिन सरकार ने न तो कोई ठोस कार्रवाई की और न ही पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई.
“नरसंहार के पीड़ित आज भी न्याय की प्रतीक्षा में हैं, जबकि अपराधियों को संरक्षण देने वालों में कई आज भी राजद के विधायक और पदाधिकारी बने बैठे हैं.
राय ने कहा.
भ्रष्टाचार की गंगोत्री लालू-राबड़ी के घर से निकली
नित्यानंद राय ने राजद शासन को,भ्रष्टाचार की जड़, बताते हुए कहा कि लालू परिवार के कार्यकाल में चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला, दूध घोटाला, आईआरसीटीसी होटल घोटाला और नौकरी के बदले जमीन जैसे घोटालों ने बिहार की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर कलंकित किया.
यह वही दौर था जब सरकारी पदों की बोली लगती थी, और नौकरियों के लिए लोगों की जमीनें गिरवी रखी जाती थीं,
उन्होंने कहा.
महिलाएं असुरक्षित थीं, अपराधियों को सत्ता का संरक्षण मिला
राज्य मंत्री ने राजद शासनकाल को महिलाओं के लिए भयावह दौर बताया.
उन्होंने कहा कि उस समय आम महिलाओं से लेकर आईएएस अधिकारियों की पत्नियां तक अपराधियों का शिकार बनीं, लेकिन सत्ता ने दोषियों को सजा देने की जगह संरक्षण देने का काम किया.
“महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा का राजद शासन में कोई अस्तित्व नहीं था,”
राय ने कहा.
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लोकतंत्र नहीं, लूटतंत्र था राजद का शासन
नित्यानंद राय ने कहा कि 1990 से 2004 के बीच हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में 700 से अधिक लोग चुनावी हिंसा में मारे गए, जिनमें 50 पुलिसकर्मी भी शामिल थे.
उन्होंने कहा कि यह वह दौर था जब राजद ने लोकतंत्र को लूटतंत्र में बदल दिया, और जनता ने अपनी जान देकर लोकतंत्र की रक्षा की.
तेजस्वी यादव जवाब दें: क्या यह सब गलत है?
भाजपा नेता ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर उनमें साहस है तो वे बिहार की जनता के सामने स्वीकार करें कि —
राजद शासन में लूट और अपहरण आम बात थी
महिलाओं के साथ अत्याचार हुए
दुकानदारों की संपत्तियों पर अवैध कब्जे किए गए
और सत्ता में बैठे लोगों ने अपराधियों को संरक्षण दिया
तेजस्वी यादव जी, खामोशी से बात नहीं बनेगी — बिहार की जनता जवाब चाहती है,
राय ने कहा.
भाजपा ने बिहार को भयमुक्त बनाया
अंत में नित्यानंद राय ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में बिहार ने भय, भ्रष्टाचार और जंगलराज से मुक्ति पाई है.
उन्होंने जनता से अपील किया कि वे “जंगलराज” की वापसी की कोशिश कर रहे लोगों से सावधान रहें.
हमारा संकल्प है — भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त और विकासशील बिहार,
उन्होंने कहा.
इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी एवं विधानपार्षद संजय मयुख, प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अमित प्रकाश बबलू और प्रवक्ता सच्चिदानंद पीयूष भी मौजूद रहे.

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