तेजस्वी यादव बोले – अब बिहार नहीं झुकेगा! दलित अत्याचार पर BJP को घेरा
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,14 अक्टूबर 2025 –राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में दलितों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर बीजेपी शासित राज्यों को घेरा और कहा कि,दलितों के लिए इस देश में रहना और जीना मुश्किल हो गया है.
तेजस्वी यादव का यह बयान उस समय आया है जब देशभर में दलित समुदाय पर हो रहे हमलों और भेदभाव के कई मामले सुर्खियों में हैं.उन्होंने कहा कि देश के माननीय मुख्य न्यायाधीश, जो स्वयं दलित समुदाय से आते हैं, उनके चैंबर में जूता फेंकना एक शर्मनाक और निंदनीय घटना है.
न्याय की तलाश में दलितों की चीख
तेजस्वी यादव ने हरियाणा की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि वहाँ के ADGP रैंक के अधिकारी को जातीय अत्याचार और भेदभाव से तंग आकर आत्महत्या करनी पड़ी, और एक हफ्ते से उनका शव पड़ा है लेकिन हरियाणा की बीजेपी सरकार न्याय देने में नाकाम रही है.
उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक उच्च पदस्थ अधिकारी इस तरह के अन्याय का शिकार हो सकता है, तो आम दलित, पिछड़े या गरीब नागरिक की क्या स्थिति होगी?
यूपी और हरियाणा में बढ़ रहे जातीय अत्याचार
तेजस्वी यादव ने उत्तर प्रदेश की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि,यूपी में जातीय भेदभाव और अत्याचार से तंग आकर दलित आत्महत्या कर रहे हैं.
उनके अनुसार, बीजेपी शासित प्रदेशों में दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों पर न केवल सामाजिक बल्कि प्रशासनिक और शासकीय स्तर पर भी हमले हो रहे हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सब बीजेपी की शासन व्यवस्था का चेहरा दिखाता है, जहाँ सत्ता के संरक्षण में अन्याय और भेदभाव को बढ़ावा दिया जा रहा है.
बीजेपी किसी दानव से कम नहीं
तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट में कहा कि,
दलितों, मुसलमानों और पिछड़ों के लिए बीजेपी किसी दानव से कम नहीं.
यह बयान सामाजिक न्याय और समानता की राजनीति को लेकर तेजस्वी यादव की वैचारिक स्थिति को और मज़बूत बनाता है.वह लगातार बीजेपी पर आरोप लगाते रहे हैं कि उसकी नीतियाँ समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ हैं.
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बिहार को चेतावनी:अब ये बिहार के निशाने पर हैं
तेजस्वी यादव ने अपने संदेश में कहा कि अब बीजेपी बिहार को निशाने पर लेना चाहती है, लेकिन उन्होंने चेताया कि,हमारी सत्ता आए-जाए, लेकिन अगर दलितों की तरफ कोई आँख उठाकर देखेगा तो बिहार की न्यायप्रिय जनता मुँहतोड़ जवाब देगी.
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि बिहार की जनता सामाजिक न्याय, भाईचारे और समानता की विचारधारा में विश्वास करती है और कभी भी ऐसे ताकतों को बिहार के ताने-बाने को तोड़ने नहीं देगी.
बिहार की राजनीति में सामाजिक न्याय का मुद्दा फिर केंद्र में
तेजस्वी यादव का यह बयान केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी है. बिहार की राजनीति में सामाजिक न्याय हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. लालू प्रसाद यादव से लेकर तेजस्वी यादव तक, आरजेडी ने हमेशा दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा को अपनी राजनीति का केंद्र बनाया है.
बीजेपी जहाँ,समान अवसर और विकास की बात करती है, वहीं तेजस्वी यादव का आरोप है कि,बीजेपी की सरकारें केवल जातीय भेदभाव और विभाजन की राजनीति को बढ़ावा दे रही हैं.
जनता का संदेश: बिहार अन्याय नहीं सहेगा
तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट के अंत में कहा कि,
हमारे रहते कोई बिहार और बिहारियों का अधिकार नहीं छीन सकता.
यह बयान उस राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसमें तेजस्वी यादव खुद को बिहार के न्यायप्रिय समाज के रक्षक के रूप में पेश करते हैं.
निष्कर्ष
तेजस्वी यादव के इस बयान ने एक बार फिर जातीय भेदभाव, दलित अत्याचार और सामाजिक न्याय के मुद्दे को राष्ट्रीय चर्चा के केंद्र में ला दिया है.
जहाँ एक ओर बीजेपी शासित राज्यों में दलित उत्पीड़न के मामले चिंता का विषय बनते जा रहे हैं, वहीं विपक्ष इन घटनाओं को सामाजिक असमानता और सत्ता के दुरुपयोग का प्रतीक बता रहा है.
तेजस्वी यादव का यह बयान साफ संकेत देता है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में दलित सम्मान, सामाजिक न्याय और संघवाद बनाम समानता की बहस और तेज होगी.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















