बिहार में बदलाव की लहर: तेजस्वी यादव बने युवाओं की उम्मीद

| BY

Ajit Kumar

बिहार
बिहार में बदलाव की लहर: तेजस्वी यादव बने युवाओं की उम्मीद

RJD ने नीतीश-भाजपा सरकार पर साधा निशाना

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,20 अक्टूबर 2025— बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्म है.दिवाली और छठ पूजा के इस त्योहारी माहौल में जब लोग अपने घर लौट रहे हैं, तो उनके मन में सिर्फ एक ही सवाल गूंज रहा है— क्या अब बिहार बदलेगा?

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने आधिकारिक X (पूर्व Twitter) अकाउंट से एक तीखा हमला बोलते हुए नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार पर निशाना साधा है. पोस्ट में लिखा गया है कि,

नीतीश-भाजपा की सरकार में सुलभ शिक्षा नहीं मिली, तो मजदूर बन गए. काम नहीं मिला, तो पलायन के लिए मजबूर हो गए.दिवाली-छठ में घर तो आना ही है, क्योंकि इस बार इस निकम्मी, नकारा, खटारा सरकार को हटाना है. ताकि बिहार में ही कामगारों व श्रमिकों को मिले काम! इसलिए बिहार ने तय किया है बदलाव—तेजस्वी मुख्यमंत्री का चुनाव.

RJD का संदेश: ‘बिहार बदलेगा, इस बार जरूर

यह ट्वीट सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि बिहार के सामाजिक यथार्थ को उजागर करता है.
राज्य के लाखों मजदूर जो रोज़गार की तलाश में पंजाब, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र तक जाते हैं, वे वर्षों से बिहार में रोज़गार और उद्योग की कमी से जूझ रहे हैं.
RJD ने इस दर्द को राजनीतिक संदेश में बदलते हुए कहा कि इस बार बिहार को ऐसा नेतृत्व चाहिए जो सिर्फ वादे न करे बल्कि काम दे.

रोजगार और शिक्षा बने चुनावी मुद्दे

पिछले कुछ वर्षों में बिहार के युवाओं के बीच बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है.
सरकारी परीक्षाओं में देरी, भर्ती प्रक्रियाओं में अनियमितता और निजी क्षेत्र के अभाव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है.
तेजस्वी यादव ने अपने राजनीतिक भाषणों और बयानों में बार-बार कहा है कि,

हम बिहार को पलायन नहीं, प्रगति का प्रदेश बनाएंगे.

इस संदेश ने युवाओं के बीच एक नई उम्मीद जगाई है. RJD का मानना है कि नीतीश-भाजपा सरकार की नीतियाँ बिहार को पीछे धकेल रही हैं, और अब जनता परिवर्तन चाहती है.

त्योहारी मौसम में राजनीतिक संदेश का असर

दिवाली और छठ पूजा सिर्फ त्योहार नहीं, बिहार की भावनाओं का प्रतीक हैं.
इस दौरान जब प्रवासी मजदूर अपने घर लौटते हैं, तो वे अपने अनुभवों को गांवों में साझा करते हैं.
RJD का यह संदेश उसी भावनात्मक जुड़ाव को लक्ष्य करता है.
घर लौटो, लेकिन इस बार बदलाव लेकर लौटो.

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह ट्वीट एक सोच-समझा कैंपेन मूव है, जो चुनावी रणनीति का हिस्सा है.
त्योहारी भावनाओं को राजनीतिक ऊर्जा में बदलना — यही RJD की कोशिश दिखती है.

तेजस्वी यादव: युवा नेतृत्व का प्रतीक

तेजस्वी यादव अब सिर्फ लालू प्रसाद यादव के बेटे नहीं, बल्कि बिहार के युवाओं की उम्मीद बनते जा रहे हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बेरोजगारी के खिलाफ जोरदार आवाज़ उठाई थी और 10 लाख नौकरियों का वादा कर एक नए राजनीतिक विमर्श की शुरुआत की थी.
उनकी छवि अब एक प्रो-युवा, प्रो-रोज़गार नेता की बन रही है.

नीतीश-भाजपा गठबंधन पर सीधा वार

RJD का यह बयान सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि वर्तमान सरकार के खिलाफ एक सीधा आरोप है कि
राज्य में शिक्षा और रोजगार की स्थिति बदतर है.
RJD के अनुसार, नीतीश कुमार और भाजपा की संयुक्त सरकार ने बिहार के श्रमिकों को मजबूर किया कि वे दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करें, जबकि बिहार जैसे कृषि-प्रधान राज्य में रोजगार सृजन की असीम संभावनाएं हैं.

ये भी पढ़े :दिवाली-छठ पर सूरत से UP-बिहार लौटती भीड़ पर AAP का BJP पर वार
ये भी पढ़े :उलगुलान की पुकार: झारखंड से उठी आदिवासी अस्मिता की गर्जना

जनता का मूड: ‘इस बार बदलाव तय’

बिहार के छोटे कस्बों और गांवों में अब चुनावी चर्चा शुरू हो चुकी है.
जहाँ पहले विकास, सड़क और बिजली के मुद्दे थे, वहीं अब रोजगार, शिक्षा और पलायन रोकना प्राथमिक एजेंडा बन गया है.
RJD के इस संदेश ने जनता के बीच एक नई बहस छेड़ दी है.
क्या बिहार को फिर से एक नई दिशा मिलेगी?

निष्कर्ष: बदलाव की आहट सुनाई दे रही है

त्योहारी मौसम के बीच RJD का यह संदेश लोगों के दिलों में उतरता दिख रहा है.
राज्य में राजनीतिक माहौल तेजी से बदल रहा है और युवा वर्ग अब ‘काम की राजनीति’ चाहता है.
बिहार ने कई दौर देखे — लेकिन इस बार जनता की जुबान पर एक ही नारा है ,

इस बार बदलाव तय है — तेजस्वी ही विकल्प है.

Trending news

Leave a Comment