बिहार में एनडीए को मिला बड़ा महिला चेहरा
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,25 अक्टूबर 2025 —बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी पलटवार का दौर जारी है.कल पटना स्थित बिहार भाजपा प्रदेश कार्यालय में राजद महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और स्टार प्रचारक प्रतिमा कुशवाहा ने औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ग्रहण किया है
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई और गर्मजोशी से स्वागत किया.
यह कदम न केवल राजद (RJD) के लिए झटका माना जा रहा है, बल्कि भाजपा के लिए महिला मोर्चे में एक मजबूत चेहरा जुड़ने के रूप में देखा जा रहा है.
भाजपा में शामिल होते ही डॉ. दिलीप जायसवाल का बयान: बिहार की बेटियाँ अब विकास की राजनीति चाहती हैं.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रतिमा कुशवाहा का भाजपा में आना इस बात का प्रमाण है कि जनता अब जातिवाद और परिवारवाद की राजनीति को नकार रही है.
उन्होंने कहा कि,
बिहार की बेटियाँ और बहनें अब जातिवाद और परिवारवाद नहीं, बल्कि विकास और सुशासन की राजनीति का साथ दे रही हैं.यह भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता के विश्वास का परिणाम है.
जायसवाल ने यह भी कहा कि आज पूरा बिहार एनडीए की नीतियों के साथ खड़ा है और आने वाले चुनाव में एनडीए ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा.
कौन हैं प्रतिमा कुशवाहा?
प्रतिमा कुशवाहा बिहार की राजनीति में महिला सशक्तिकरण का एक उभरता हुआ चेहरा रही हैं.
वह राजद महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी की स्टार प्रचारक रही हैं.
पिछले कई वर्षों से वह महिला अधिकारों, शिक्षा, और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों पर मुखर रही हैं.
उनका भाजपा में शामिल होना बिहार में महिला मतदाताओं के समीकरण को नया मोड़ दे सकता है.
एनडीए के लिए चुनावी बूस्टर साबित हो सकता है यह दांव
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और भाजपा लगातार संगठन को मज़बूत करने में जुटी है.
महिला मतदाता इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रतिमा कुशवाहा जैसी प्रभावशाली महिला नेता का भाजपा में आना एनडीए के लिए एक चुनावी बूस्टर साबित हो सकता है.
विशेष रूप से अति पिछड़ा वर्ग (EBC) और महिला वर्ग में उनकी पकड़ को भाजपा भुनाने की पूरी कोशिश करेगी.
राजनीतिक संदेश: जाति नहीं, विकास की राजनीति पर जोर
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जायसवाल के बयानों से यह स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि पार्टी अब जातीय राजनीति की बजाय विकास और सुशासन की राजनीति को केंद्र में रखकर आगे बढ़ रही है.
उन्होंने कहा कि,
बिहार के लोग अब जातीय समीकरण नहीं, बल्कि विकास के समीकरण के साथ चलना चाहते हैं. एनडीए ने जिस तरह गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए काम किया है, उस पर जनता का भरोसा लगातार बढ़ रहा है.
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चुनाव 2025 की तैयारियों में भाजपा को मिला नया जोश
भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच इस घटनाक्रम से नया उत्साह देखने को मिला.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार के कोने-कोने में एनडीए कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ जनता तक पार्टी की नीतियाँ पहुँचा रहे हैं.
जनता भी अब विकसित बिहार, आत्मनिर्भर बिहार के सपने को साकार करने के लिए एनडीए के साथ खड़ी है.
प्रतिमा कुशवाहा का भाजपा में शामिल होना क्यों है अहम?
महिला मतदाताओं के बीच भाजपा की पकड़ मजबूत होगी.
राजद को संगठनात्मक और प्रचार स्तर पर झटका मिलेगा.
एनडीए के लिए सामाजिक संतुलन साधने में मदद मिलेगी.
यह कदम भाजपा के सबका साथ, सबका विकास” संदेश को और मजबूत करेगा.
इससे भाजपा को महिला सशक्तिकरण की राजनीति में नई धार मिलेगी.
राजनीतिक हलकों में चर्चा — क्या यह राजद के लिए चेतावनी है?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि तेजस्वी यादव की पार्टी राजद को महिला नेताओं के पलायन से गंभीर झटका लग सकता है.
वहीं, भाजपा लगातार यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि बिहार की नई राजनीति जाति और परिवारवाद से ऊपर उठकर विकास और सुशासन की दिशा में जा रही है.
निष्कर्ष: भाजपा की महिला ब्रिगेड को मिला नया चेहरा
प्रतिमा कुशवाहा का भाजपा में शामिल होना निश्चित रूप से बिहार की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम है.
यह भाजपा के महिला मोर्चे को नई ऊर्जा देगा और आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए एक मजबूत संदेश के रूप में काम करेगा.
अब देखना होगा कि आने वाले महीनों में यह कदम किस हद तक भाजपा के वोटबैंक को प्रभावित करता है.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.


















