वीआईपी और राजद के सैकड़ों नेताओं ने थामा कमल, भाजपा में बड़ा राजनीतिक समावेश

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Ajit Kumar

बिहार
वीआईपी और राजद के सैकड़ों नेताओं ने थामा कमल, भाजपा में बड़ा राजनीतिक समावेश

एनडीए के लिए यह कदम बिहार में चुनावी रणनीति को मजबूत बनाने वाला साबित होगा

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 25 अक्टूबर :बिहार की राजनीति में आज एक बार फिर भाजपा के पक्ष में बड़ी सियासी हलचल देखने को मिली है. बिहार विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कई वरिष्ठ नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गये.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल की मौजूदगी में वीआईपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रंजीत सहनी और मुजफ्फरपुर जिला अध्यक्ष महावीर सहनी ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थामा है.इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और बिहार सरकार के मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता भी उपस्थित रहे.

भाजपा में शामिल होने वाले प्रमुख चेहरे

भाजपा में शामिल होने वाले प्रमुख चेहरे

भाजपा की सदस्यता लेने वालों में,कुंवर वाहिनी अध्यक्ष और राजद नेता जितेंद्र स्वामी, रघुनाथपुर प्रखंड प्रमुख मनोज सिंह,सीवान व्यवसायी संघ के अध्यक्ष रजनीकांत जायसवाल, महराजगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह, ग्लोबल स्कूल के विकास सिंह, प्रो. आशीष कुमार सिंह,अनिल सिंह (राजद नेता, रघुनाथपुर),पप्पू सिंह मुखिया और कक्कू स्वर्णकार (राजद नेता) शामिल रहे.
इसके अलावा कुढ़नी प्रखंड अध्यक्ष सतीश कुमार, युवा प्रखंड अध्यक्ष गरीबन सहनी समेत वीआईपी के सैकड़ों पदाधिकारी भी भाजपा परिवार का हिस्सा बन गए।

वाल्मीकि समाज का समर्थन

वाल्मीकि समाज सफाई संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार वाल्मीकि भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए.इससे पार्टी को सामाजिक स्तर पर नई मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

भाजपा नेताओं ने जताई खुशी

भाजपा नेताओं ने जताई खुशी

पार्टी में शामिल सभी नए सदस्यों का स्वागत करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा,

महागठबंधन सत्ता की दुकानदारी में उलझा है, जबकि एनडीए बिहार को विकसित राज्य बनाने की दिशा में काम कर रहा है. जनता अब समझ चुकी है कि जो गठबंधन सीट बंटवारे पर ही सहमत नहीं हो पा रहा, वह सरकार कैसे चलाएगा.

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भाजपा के लिए मजबूत संकेत

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, वीआईपी और राजद नेताओं का भाजपा में शामिल होना 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए के लिए बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कदम है. यह सियासी संकेत है कि विपक्षी खेमे में असंतोष गहराता जा रहा है और भाजपा अपने संगठन विस्तार में लगातार आगे बढ़ रही है.

निष्कर्ष

बिहार की राजनीति में यह घटनाक्रम भाजपा के लिए संगठनात्मक ऊर्जा का संचार करने वाला साबित हो सकता है. जिस तेजी से विपक्षी दलों के नेता भाजपा की ओर रुख कर रहे हैं, वह आने वाले चुनावी समीकरणों को निश्चित रूप से प्रभावित करेगा.

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