बिहार में बदलाव की जरूरत: कांग्रेस का संकल्प — रोजगार, विकास और अवसरों वाला नंबर 1 बिहार

| BY

Ajit Kumar

भारतबिहार
बिहार में बदलाव की जरूरत: कांग्रेस का संकल्प — रोजगार, विकास और अवसरों वाला नंबर 1 बिहार

20 साल में बिहार को क्या मिला? — कांग्रेस का बड़ा सवाल

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,30 अक्टूबर 2025 —बिहार, भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य, पिछले दो दशकों से राजनीतिक स्थिरता तो देखता आ रहा है, लेकिन विकास की गति अब भी अपेक्षित नहीं रही है. कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) हैंडल से एक पोस्ट जारी कर इस मुद्दे पर बड़ा सवाल खड़ा किया है,बिहार में 20 साल से नीतीश जी की सरकार और केंद्र में 11 साल से नरेंद्र मोदी की सरकार है, फिर भी न कोई कारखाना, न अस्पताल, न अच्छा विश्वविद्यालय बना है.युवाओं को रोजगार नहीं मिला.

यह बयान केवल राजनीतिक प्रहार नहीं, बल्कि बिहार की वास्तविक समस्याओं पर केंद्रित एक सच्ची चिंता है.

20 साल का शासन और अधूरी उम्मीदें

नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान बिहार में सड़क, बिजली और कानून व्यवस्था में कुछ सुधार ज़रूर किए. लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि 20 साल के लंबे शासनकाल के बाद भी औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में राज्य पिछड़ा हुआ है.
केंद्र में 11 साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है — डबल इंजन की बात तो बहुत हुई, लेकिन कांग्रेस का सवाल वाजिब है — अगर डबल इंजन की ताकत थी, तो बिहार अब तक नंबर वन क्यों नहीं बन पाया?

युवाओं के लिए रोजगार का संकट

बिहार के लाखों युवा आज भी रोज़गार की तलाश में दिल्ली, मुंबई, पंजाब या दक्षिण भारत की ओर पलायन करने को मजबूर हैं.
कांग्रेस का दावा है कि बेरोजगारी, पलायन और गरीबी बिहार की सबसे बड़ी समस्या है, और मौजूदा सरकारें इसे सुलझाने में विफल रही हैं.
शिक्षित बेरोजगारों की लंबी कतारें और सरकारी नौकरियों की धीमी भर्ती प्रक्रिया ने युवाओं का विश्वास तोड़ा है.

अस्पताल, विश्वविद्यालय और उद्योगों की कमी

कांग्रेस पार्टी के अनुसार, बिहार में आज भी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक है.
ग्रामीण इलाकों में अस्पतालों की कमी, डॉक्टरों की अनुपस्थिति और इलाज के लिए दूसरे राज्यों में जाना आम बात है.
उच्च शिक्षा की बात करें तो राज्य के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग लगातार गिर रही है.
कांग्रेस का कहना है — हम बिहार में नए विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज और आधुनिक टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट खोलना चाहते हैं, ताकि बिहार के छात्र अपने ही राज्य में रहकर भविष्य बना सकें.

ये भी पढ़े :राहुल गांधी का बिहार पर बड़ा हमला: 20 साल से BJP-JDU ने बिहार की आकांक्षाओं का गला घोंटा है!
ये भी पढ़े :अग्निवीरों के भविष्य पर नई बहस: कांग्रेस का मोदी सरकार पर बड़ा हमला
कांग्रेस का विज़न: अपराध मुक्त और अवसरों वाला बिहार

कांग्रेस ने इस पोस्ट के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि उनका लक्ष्य सिर्फ सत्ता प्राप्त करना नहीं, बल्कि अवसरों और समानता वाला बिहार बनाना है.
पार्टी का वादा है कि अगर बिहार में कांग्रेस और महागठबंधंन की सरकार बनी, तो:

बेरोजगारी दूर करने पर काम किया जायेगा: राज्य में उद्योग और स्टार्टअप नीति लागू की जाएगी.

स्वास्थ्य सुधार: हर जिले में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का सशक्त नेटवर्क बनेगा.

शिक्षा में क्रांति: नए विश्वविद्यालय, स्किल डेवलपमेंट सेंटर और तकनीकी संस्थान खोले जाएंगे.

महंगाई पर नियंत्रण: आम लोगों के जीवन यापन को आसान बनाने के लिए रसोई गैस, खाद्य पदार्थों और परिवहन पर राहत दी जाएगी.

अपराध मुक्त बिहार: पुलिस सुधार और त्वरित न्याय व्यवस्था के जरिए कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा.

निष्कर्ष: बिहार को नया रास्ता चाहिए

कांग्रेस का यह बयान बिहार की जनता को एक बार फिर सोचने पर मजबूर करता है है कि,
क्या दो दशकों का शासन, केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार के बावजूद, बिहार को वह विकास दे पाया जिसकी उसे जरूरत थी?

अब सवाल यह नहीं कि किसने क्या कहा, बल्कि यह है कि आने वाले चुनावों में बिहार की जनता किस दिशा को चुनेगी — स्थिरता के नाम पर ठहराव या बदलाव के नाम पर नई शुरुआत?

कांग्रेस का यह संदेश साफ है:
हम बिहार को नंबर 1 बनाना चाहते हैं — शिक्षा, रोजगार, उद्योग और अवसरों में.

Trending news

Leave a Comment