दीपंकर भट्टाचार्य का बयान — बिहार में वोट चोरी की साजिश चल रही है!

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Kumar Ranjit

बिहार
दीपंकर भट्टाचार्य का बयान — बिहार में वोट चोरी की साजिश चल रही है!

वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र की जीत – ज़ोहरान ममदानी की ऐतिहासिक विजय

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 5 नवंबर 2025 — बिहार में चुनावी सरगर्मियां अपने चरम पर हैं और इसी बीच भाकपा (माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने एक बार फिर मतदाताओं को सतर्क रहने की अपील किया है.उन्होंने कहा कि इस बार बिहार की जनता बदलाव के मूड में है, लेकिन वोट चोरी की साजिशें लगातार सामने आ रही हैं.ऐसे में हर नागरिक को अपने मताधिकार की रक्षा करनी होगी.
दीपंकर ने कहा कि हरियाणा में हुई वोट चोरी का खुलासा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तथ्यात्मक ढंग से किया है, और बिहार में भी भाजपा-जदयू गठबंधन उसी रास्ते पर चल रहा है.

वोट चोरी की साजिश पर माले का हमला

माले महासचिव ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले चरण में एसआईआर प्रक्रिया के नाम पर लगभग 68 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए, जो लोकतंत्र पर सीधा हमला है.उनका कहना था कि जब जनता स्पष्ट रूप से बदलाव चाह रही है, तब सत्ताधारी गठबंधन जनमत को प्रभावित करने के लिए फर्जी मतदान, बूथ कैप्चरिंग और बोगस वोटिंग जैसे तरीकों का सहारा ले रहा है.

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि,

इस बार बिहार की जनता 20 साल पुरानी सरकार से निजात चाहती है. जनता के हर वर्ग में बदलाव की लहर है.यही वजह है कि सत्ता पक्ष अब लोकतंत्र को तोड़ने पर उतारू है.

उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे कल मतदान के दिन (6 नवंबर) पूरी सतर्कता के साथ मतदान केंद्र जाएं, अपने वोट का सही इस्तेमाल करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना प्रशासन व मीडिया तक पहुंचाएं.

जनता के बदलाव के मूड पर भरोसा

दीपंकर भट्टाचार्य का मानना है कि बिहार के गांवों, कस्बों और शहरों में इस बार एक राजनीतिक चेतना पैदा हुई है. लोग 20 साल के शासन के बाद रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर वास्तविक परिवर्तन चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि,

जनता अब केवल वादों पर नहीं, बल्कि अपने अनुभवों पर मतदान करेगी। बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता अब बदलाव चाहती है.यह बदलाव केवल इवीएम में बटन दबाने से नहीं, बल्कि वोट चोरी रोकने की जिम्मेदारी निभाने से भी आएगा.

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वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र की जीत – ज़ोहरान ममदानी की ऐतिहासिक विजय

दीपंकर भट्टाचार्य ने अमेरिकी राजनीति की एक अहम घटना पर भी टिप्पणी की.उन्होंने ज़ोहरान ममदानी की न्यूयॉर्क सिटी के मेयर के रूप में जीत को ट्रम्प और नेतन्याहू की सबसे करारी हार” बताया.

उनके अनुसार, ममदानी की जीत न केवल अमेरिकी राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ है बल्कि यह दुनिया भर में लोकतंत्र, मानवाधिकार और समानता की विचारधारा की विजय है.

उन्होंने कहा कि,

ज़ोहरान ममदानी की जीत मेहनतकश जनता के अधिकारों, फ़िलिस्तीन की आज़ादी, प्रवासियों की सुरक्षा और दुनिया भर में मुसलमानों के समान अधिकारों के संघर्ष की प्रतीक है.

इस वक्तव्य से यह स्पष्ट है कि दीपंकर भट्टाचार्य लोकतंत्र को एक वैश्विक आंदोलन के रूप में देखते हैं, जहां हर नागरिक की भागीदारी और जागरूकता सबसे बड़ी ताकत है.

बिहार से न्यूयॉर्क तक: लोकतंत्र की साझा जंग

लेख के दोनों हिस्सों — बिहार की वोट चोरी की चेतावनी और न्यूयॉर्क में ममदानी की जीत — एक साझा संदेश देते हैं कि लोकतंत्र केवल मतदान का अधिकार नहीं, बल्कि सतर्क नागरिकता की जिम्मेदारी भी है.

भट्टाचार्य का कहना था कि जब आम नागरिक अपने वोट की कीमत समझने लगता है, तब सत्ता का असली संतुलन जनता के हाथ में लौटता है.

चुनाव सिर्फ पार्टी की जंग नहीं, यह जनता की चेतना की परीक्षा है,
उन्होंने कहा.

निष्कर्ष

बिहार में कल पहले चरण का मतदान होने जा रहा है और ऐसे समय में माले महासचिव की अपील एक राजनीतिक चेतावनी के साथ-साथ एक लोकतांत्रिक संदेश भी है.
दीपंकर भट्टाचार्य ने स्पष्ट कहा कि जनता को न केवल वोट डालना है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा में चौकीदार की भूमिका भी निभानी है.

उनकी बातों का सार यही है कि — अगर वोट चोरी रुकी, तो बिहार बदलेगा.

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