चुनावी मौसम में अफसरशाही पर बढ़ता राजनीतिक दबाव,लोकतंत्र बनाम सत्ता का दुरुपयोग?
तीसरा पक्ष डेस्क | पटना, 9 नवंबर 2025 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान के बाद सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. तेजस्वी यादव का NDA पर सीधा आरोप — गृहमंत्री CCTV बंद कर अधिकारियों से गुप्त बैठकें करवा रहे हैं। जानिए पूरा मामला.
मतदान के बाद सियासत में बढ़ी गर्मी
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ गया है.
महागठबंधन ने NDA पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सत्ता पक्ष प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है.
तेजस्वी यादव का वीडियो बयान – बिहार की राजनीति में नया मोड़

महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के चेहरा तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर वीडियो जारी कर NDA पर सीधा हमला बोला.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि राज्य के गृहमंत्री और NDA के वरिष्ठ नेता अधिकारियों पर फोन के ज़रिए दबाव बना रहे हैं.
उन्होंने कहा, जहां-जहां गृहमंत्री ठहरते हैं, वहां होटल के CCTV कैमरे बंद कराए जा रहे हैं और देर रात गुप्त बैठकें आयोजित हो रही हैं.
ED के निशाने पर फंसे अधिकारी सक्रिय
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री आवास से जुड़े कुछ भ्रष्ट अधिकारी, जो हाल में जांच एजेंसियों के निशाने पर रहे हैं, अब महागठबंधन समर्थक बूथों को डिस्टर्ब करने की साजिश रच रहे हैं.
बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वोटिंग के दिन विपक्षी कार्यकर्ताओं को डिटेन कर बूथ प्रबंधन को बाधित किया जाए.
महागठबंधन की रणनीति: लोकतंत्र बनाम सत्ता का दुरुपयोग
महागठबंधन अब इस मुद्दे को लोकतंत्र बनाम सत्ता तंत्र के दुरुपयोग की लड़ाई के रूप में पेश कर रहा है.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार की जनता संविधान के साथ खड़ी है और किसी भी कीमत पर वोट चोरी” नहीं होने देगी.

ईमानदार अधिकारी संविधान के प्रति जवाबदेह रहें
महागठबंधन ने कहा कि बिहार के कई ईमानदार अधिकारी सत्ता के इस दबाव तंत्र से असहज हैं और उन्होंने फोन कॉल्स के स्क्रीनशॉट तक साझा किए हैं.
बयान में अधिकारियों से अपील की गई है कि वे संविधान की शपथ याद रखें और किसी राजनीतिक या रिटायर्ड अफसर के दबाव में न आएं.
NDA खेमे में खामोशी या रणनीतिक सन्नाटा?
महागठबंधन के गंभीर आरोपों के बावजूद NDA की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि NDA फिलहाल रणनीतिक चुप्पी अपनाए हुए है, ताकि मुद्दा और न भड़के.
हालांकि अंदरूनी हलकों में पहले चरण के मतदान पैटर्न को लेकर चिंता जताई जा रही है.
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चुनावी मौसम में अफसरशाही पर बढ़ता राजनीतिक दबाव
चुनावी सीज़न में बिहार की अफसरशाही इस समय दोहरी चुनौती से जूझ रही है —
एक ओर निष्पक्षता बनाए रखने का दबाव, दूसरी ओर सत्ता के आदेशों का पालन करने की मजबूरी.
महागठबंधन का दावा है कि कई अफसर अंतरात्मा की आवाज़ पर चलने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कुछ सत्ता के दबाव में झुक रहे हैं.
दो गुजराती बिहार को उपनिवेश बनाना चाहते हैं
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि दो गुजराती नेता बिहार को अपने राजनीतिक उपनिवेश में बदलना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब जाग चुकी है और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष को तैयार है.
सोशल मीडिया पर ‘तेजस्वी बनाम सत्ता’ ट्रेंड
तेजस्वी यादव का वीडियो बयान सोशल मीडिया पर #TejashwiVsSatta हैशटैग के साथ ट्रेंड कर रहा है.
जनता का एक बड़ा वर्ग इसे युवाओं बनाम व्यवस्था की जंग बता रहा है, वहीं NDA समर्थक इसे “राजनीतिक नाटक” कह रहे हैं.
चुनाव आयोग की भूमिका पर सबकी नज़र
अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग और प्रशासनिक मशीनरी पर हैं.
महागठबंधन ने आयोग से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है.
चुनाव के अगले चरणों से पहले यह विवाद न केवल राजनीतिक गर्मी, बल्कि विश्वसनीयता की जंग भी बढ़ा रहा है.
निष्कर्ष:
तेजस्वी यादव के आरोपों ने बिहार चुनाव 2025 की दिशा और चर्चा दोनों को नया मोड़ दे दिया है.
अब मुकाबला सिर्फ सीटों का नहीं, बल्कि सत्ता की नैतिकता बनाम लोकतंत्र की मर्यादा का हो चला है.

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