राहुल गांधी बोले, सरकार सैनिकों के साथ धोखा कर रही है!
तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2025 —कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है.इस बार मुद्दा है ‘अग्निवीर योजना और उससे जुड़े सैनिकों का भविष्य,दिल्ली कांग्रेस की आधिकारिक X (Twitter) हैंडल से जारी पोस्ट में पार्टी ने केंद्र सरकार पर धोखा देने का गंभीर आरोप लगाया है.
पोस्ट में कहा गया है कि अगर मोदी सरकार ऑपरेशन सिंदूर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को सम्मान और प्रोत्साहन नहीं दे सकती थी, तो कम से कम उन्हें धोखा नहीं देना चाहिए था.
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने अग्निवीर योजना के तहत भर्ती हुए युवाओं से कई वादे किए, जिनमें रिटायरमेंट के बाद सरकारी नौकरी देने का भरोसा भी शामिल था.लेकिन हाल ही में गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में बताया गया है कि रिटायर होने वाले अग्निवीरों को अब सरकारी नौकरियों की जगह देश की शीर्ष 10 निजी सिक्योरिटी एजेंसियों में भेजा जाएगान.
कांग्रेस का आरोप — सरकार ने सैनिकों से किया विश्वासघात
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कई मौकों पर कहा है कि भारत को कम ट्रेनिंग वाले सैनिक दिए जा रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है.
उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार सैनिकों की पेंशन काटकर अपने पूंजीपति मित्रों की तिजोरी भर रही है.
दिल्ली कांग्रेस ने इस बयान को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि,
मोदी सरकार अगर हमारे बहादुर सैनिकों को सम्मान नहीं दे सकती, तो कम से कम उन्हें धोखा भी न दे. पहले सरकारी नौकरी का वादा किया गया, और अब उन्हें प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों में भेजा जा रहा है. यह सैनिकों की गरिमा के साथ खिलवाड़ है.
होम मिनिस्ट्री का नोटिफिकेशन — क्या है पूरा मामला?
गृह मंत्रालय की ओर से जारी हालिया अधिसूचना के अनुसार,
सेवा समाप्ति के बाद अग्निवीरों को देश की प्रमुख निजी सुरक्षा कंपनियों में प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाएगा.
यह कदम सरकार के अनुसार सैन्य कौशल का बेहतर नागरिक उपयोग सुनिश्चित करेगा.
लेकिन कांग्रेस और कई रक्षा विशेषज्ञों ने इस पर सवाल उठाए हैं.
रिटायर्ड कर्नल रोहित चौधरी, जो एक्स-सर्विसमैन विभाग के चेयरमैन हैं, उन्होंने कहा कि,
सरकार ने अग्निवीरों के साथ न्याय नहीं किया है. उन्हें स्थायी सुरक्षा और पेंशन से वंचित रखकर अब निजी एजेंसियों में भेजना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है.
राहुल गांधी का पुराना रुख — अग्निवीर योजना देश के साथ अन्याय
राहुल गांधी ने शुरू से ही अग्निवीर योजना का विरोध किया था.उनका तर्क रहा है कि यह योजना सेना की प्रोफेशनलिज्म को कमजोर करती है और युवाओं को चार साल बाद बेरोजगारी की ओर धकेल देती है.
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अग्निवीर योजना राष्ट्र सुरक्षा नहीं, बल्कि वित्तीय बचत का प्रयोग बनकर रह गई है.
पार्टी का दावा है कि सैनिकों की पेंशन और भत्तों में कटौती कर करोड़ों रुपये की बचत की जा रही है, जो कॉर्पोरेट क्षेत्रों में निवेश के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं.
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विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
अग्निवीर नीति को लेकर विपक्षी पार्टियों में भी असंतोष है.
आरजेडी, टीएमसी और आम आदमी पार्टी जैसी कई पार्टियों ने भी इस योजना को सैनिकों के करियर और सम्मान से खिलवाड़ बताया है.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि 2025 के चुनावी माहौल में यह मुद्दा राष्ट्रीय बहस का केंद्र बन सकता है.
सोशल मीडिया पर उबाल
दिल्ली कांग्रेस के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर हजारों प्रतिक्रियाएं आईं.
कई उपयोगकर्ताओं ने इसे सैनिकों के अधिकारों पर बहस का मुद्दा बताया, जबकि बीजेपी समर्थकों ने इसे राजनीतिक ड्रामा कहा.
हालांकि, एक्स-सर्विसमैन समुदाय के बीच इस नोटिफिकेशन को लेकर मिश्रित भावनाएं हैं — कुछ इसे अवसर मान रहे हैं, जबकि अधिकतर इसे अपमानजनक बता रहे हैं.
निष्कर्ष — सवाल अभी बाकी हैं
अग्निवीर योजना को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच विवाद लगातार गहराता जा रहा है.
जहां केंद्र सरकार इसे युवाओं के सशक्तिकरण की योजना बताती है, वहीं कांग्रेस इसे सैनिकों की स्थायी सुरक्षा छीनने वाली नीति मानती है.
अब सवाल यह है कि क्या सरकार अग्निवीरों के भविष्य के लिए ठोस नीति लाएगी,
या यह विवाद आने वाले चुनावों में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन जाएगा?
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.


















