समझौता या धमकी?’ अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर उठाए सवाल
तीसरा पक्ष ब्यूरो लखनऊ, 16 सितंबर 2025— उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर गरमाहट बढ़ गई है. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है.उन्होंने अपनी एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार,समझाइश के नाम पर असल में, धमकाइश का खेल खेल रही है.
अखिलेश का कहना है कि बड़े और रसूखदार लोगों को बचाने के लिए समझौते कराए जा रहे हैं, जबकि आम नागरिकों को धमकाकर बयान पलटने पर मजबूर किया जा रहा है. उनकी इस टिप्पणी ने सत्ता और विपक्ष के बीच जारी तनातनी को और तेज कर दिया है.
गोंडा की घटना पर सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने हाल ही में गोंडा में सामने आए एक मामले का जिक्र किया, जहां कथित तौर पर गलत इंजेक्शन से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई.यादव के मुताबिक, पीड़ित परिवार पर समझौते का दबाव बनाया गया, जो भाजपा शासन में कानून और स्वास्थ्य व्यवस्था की गिरती स्थिति को दर्शाता है.
उन्होंने सवाल उठाया कि — क्या कोई समझौता किसी की जान वापस ला सकता है?
अपराध और भूमि कब्जे के आरोप
सपा प्रमुख ने भाजपा सरकार पर अपराध और माफियाओं को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि लखनऊ, वाराणसी और अयोध्या जैसे बड़े शहरों में अवैध भूमि कब्जे तेजी से बढ़ रहे हैं. यहां तक कि तालाब और आर्द्रभूमियों पर भी कब्जा कर लिया गया है.
भाजपा को, गैंग करार देते हुए अखिलेश ने दावा किया कि जनता अब बदलाव चाहती है और आने वाले चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करेगी.
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पीडीए, गठबंधन पर फोकस
अखिलेश यादव लगातार अपने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठबंधन को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. उनकी हाल की पोस्ट्स में नारे दिए गए हैं – ये है पीडीए की महापुकार, हम बनाएंगे अपनी सरकार.
यह संकेत देता है कि सपा आने वाले विधानसभा चुनावों में पीड़ित और वंचित तबकों की आवाज उठाकर उन्हें एकजुट करने की तैयारी में है.
आर्थिक मोर्चे पर भी हमला
अखिलेश ने भाजपा सरकार पर आर्थिक विफलताओं का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि,डबल इंजन सरकार का 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना पूरी तरह से फेल हो चुका है.
बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा व्यवस्था की बदहाली पर भी उन्होंने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है.
भाजपा का पलटवार
भाजपा नेताओं ने अखिलेश यादव के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी के शासन में अपहरण, अराजकता और भूमि कब्जा चरम पर था, जबकि वर्तमान सरकार ने कानून व्यवस्था में सुधार किया है.
केंद्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि यादव केवल सत्ता पाने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं.
भाजपा समर्थकों का तर्क है कि यादव की राजनीति जातिवाद और भ्रम फैलाने पर टिकी है, लेकिन जनता अब विकास और शांति चाहती है.
चुनावी गर्मी और जनता का मूड
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव सोशल मीडिया को हथियार बनाकर जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं.पंचायत चुनावों में कथित धांधली, भूमि विवाद और हाल की घटनाओं ने भाजपा सरकार पर विपक्ष के हमलों को और धार दी है.
अखिलेश का नारा— भाजपा जाए तो न्याय आए— चुनावी जंग का अहम मुद्दा बन सकता है.
निष्कर्ष
अखिलेश यादव के आरोपों ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को और गरमा दिया है. जहां भाजपा सरकार अपनी उपलब्धियों को गिनाकर विपक्ष को घेरने की कोशिश कर रही है, वहीं अखिलेश पीड़ितों और वंचितों की आवाज बनने का दावा कर रहे हैं.
आने वाले चुनाव में जनता किसे सही ठहराती है, यह देखना दिलचस्प होगा.
नोट :इस न्यूज़ का प्रकाशन अखिलेश यादव के ट्यूटर हेंडल x पर जानकारी के आधार पर और सोशल मिडिया के के विभिन्न समाचार पत्रों के जानकारी के आधार पर आधारित है.

मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.