बोले – समाज में दरार डालते-डालते खुद ही दरारों से भर गई भाजपा!
तीसरा पक्ष ब्यूरो लखनऊ, 7 सितंबर 2025 – उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बड़ा राजनीतिक हमला बोला है. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि भाजपा अब अपने ही विरोधाभासों और भ्रष्टाचार में डूब चुकी है.उन्होंने साफ कहा कि भाजपा का पतन तय है क्योंकि इस पार्टी की नीतियां आम जनता के खिलाफ हैं और इसकी राजनीति केवल समाज में दरार डालने तक सीमित हो गई है.
भाजपा की नीतियों पर कड़ा प्रहार
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में भाजपा के खात्मे के कई कारण गिनाए है.उन्होंने कहा कि भाजपा समाज में नफरत और सौहार्द बिगाड़ने की राजनीति करती है, जिसकी वजह से समाज बंट रहा है.उनके अनुसार, भाजपा का असली चरित्र ही नकारात्मक राजनीति और वैमनस्य फैलाने पर टिका है.
उन्होंने आगे लिखा कि भाजपा की सोच पूरी तरह से महाभ्रष्ट है और यह पार्टी केवल अकूत धन कमाने में लगी रहती है.किसानों, मजदूरों, युवाओं और महिलाओं के लिए भाजपा की नीतियां हमेशा प्रतिकूल रही हैं.यही कारण है कि अब जनता का भरोसा भाजपा से पूरी तरह उठ चुका है.
भाजपाइयों के किसी के सगे नहीं – अखिलेश यादव
सपा प्रमुख ने भाजपा नेताओं की अंदरूनी कलह को भी भाजपा के पतन का कारण बताया है. न्होंने लिखा है कि भाजपा के नेता न तो अपने कार्यकर्ताओं के सगे हैं और न ही अपने सहयोगियों के.हर दिन भ्रष्टाचार, चरित्रहीनता और आपसी उठा-पटक के नए वीडियो और समाचार सामने आ रहे हैं.जो भाजपा के भीतर गहरी टूटन को उजागर करते हैं.
अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अपने सहयोगी दलों का अपमान करती है और उनका तिरस्कार करती है.यह रवैया भी भाजपा के कमजोर होने का बड़ा कारण है.
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संविधान और आरक्षण पर साजिश का आरोप
अखिलेश यादव ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी और उसके सहयोगी दल संविधान और आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा पिछले दरवाजे से संविधान विरोधी कदम उठा रही है.
सपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि भाजपा की सोच हमेशा से ही वर्चस्ववादी रही है, जो समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को दबाने और उनका शोषण करने की ओर बढ़ती है.उन्होंने पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) समाज के प्रति भाजपा की नीतियों को पूरी तरह दुर्भावनापूर्ण करार दिया है.
भाजपा खुद दरारों से भर गई है
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट के अंत में लिखा है कि – सच तो यह है कि समाज में दरार डालते-डालते भाजपा खुद ही दरारों से भर गई है.भाजपा गई!
उनका यह बयान सीधे तौर पर भाजपा के संगठनात्मक ढांचे और वर्तमान राजनीतिक हालात पर हमला माना जा रहा है.
विपक्षी राजनीति में नया मोर्चा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव का यह बयान केवल भाजपा की आलोचना भर नहीं है, बल्कि आने वाले चुनावों को देखते हुए विपक्षी एकजुटता की ओर इशारा भी करता है. सपा लंबे समय से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलती रही है और अब अखिलेश यादव ने एक बार फिर यह संकेत दिया है कि भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है.
भाजपा की चुनौतियाँ
पिछले कुछ समय से भाजपा को न केवल विपक्ष बल्कि अपने सहयोगी दलों से भी विरोध झेलना पड़ रहा है.कई क्षेत्रीय दल भाजपा पर उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं.साथ ही, बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं.ऐसे में अखिलेश यादव का यह बयान भाजपा की राजनीतिक मुश्किलों को और बढ़ा सकता है.
निष्कर्ष
अखिलेश यादव का यह बयान बताता है कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष किस तरह आक्रामक रणनीति बना रहा है.समाजवादी पार्टी प्रमुख ने भाजपा के अंत की भविष्यवाणी करते हुए उसके अंदरूनी संकट, भ्रष्टाचार और जनविरोधी नीतियों को जनता के सामने लाने का प्रयास किया है.
भाजपा पर यह हमला केवल उत्तर प्रदेश की राजनीति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता अखिलेश यादव के आरोपों को किस हद तक गंभीरता से लेती है.
मेरा नाम रंजीत कुमार है और मैं समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर (एम.ए.) हूँ. मैं महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर गहन एवं विचारोत्तेजक लेखन में रुचि रखता हूँ। समाज में व्याप्त जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित तथा पठनीय शैली में प्रस्तुत करना मेरा मुख्य उद्देश्य है.
लेखन के अलावा, मूझे अकादमिक शोध पढ़ने, सामुदायिक संवाद में भाग लेने तथा समसामयिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने में गहरी दिलचस्पी है.



















