भाजपा की शिक्षा नीतियों पर अखिलेश यादव का हमला:भाजपा जाए तो स्कूल खिलखिलाए”

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Kumar Ranjit

बिहार
भाजपा की शिक्षा नीतियों पर अखिलेश यादव का हमला:भाजपा जाए तो स्कूल खिलखिलाए"

अखिलेश यादव बोले – शिक्षक अनुपस्थिति भी स्कूल बंदी का नया रूप है

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 24 सितंबर 2025 — उत्तर प्रदेश की राजनीति में शिक्षा और सामाजिक न्याय हमेशा से ही अहम मुद्दा रहा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक X (Twitter) पोस्ट के माध्यम से भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में रहकर शिक्षा का माहौल बिगाड़ रही है और खासकर PDA समाज (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की साज़िशें कर रही है.

उनका यह बयान न केवल शिक्षा की स्थिति पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे सत्ता के संरक्षण में भ्रष्टाचार और नाइंसाफ़ी समाज में आक्रोश पैदा कर रही है.

PDA समाज और शिक्षा का सवाल

अखिलेश यादव ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि जिन गाँवों में PDA समाज के लोग अधिक संख्या में रहते हैं, खासकर मल्लाह जैसे समुदाय, वहाँ शिक्षा को बाधित करने की कोशिश किया जा रहा है.उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार को यह डर है कि PDA समाज में शिक्षा और नई चेतना का प्रसार भाजपा की राजनीतिक जमीन को कमजोर कर सकता है.

उनका कहना है कि भाजपा सरकार अब सीधे-सीधे स्कूल बंद कराने की हिम्मत नहीं कर पा रही, इसलिए एक नई चाल चली जा रही है—शिक्षकों को स्कूल न भेजकर प्रधानाध्यापकों पर झूठी हाज़िरी लगाने का दबाव बनाया जा रहा है.यह भी एक प्रकार की “स्कूल बंदी” ही है, बस रूप बदल गया है.

सत्ता-संरक्षित अधिकारियों का दुर्व्यवहार

अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ता पोषित उच्चाधिकारियों के दुर्व्यवहार और भ्रष्टाचार से आम जनता के मन में अंतहीन आक्रोश पैदा होता है.जब यह आक्रोश अपनी चरम सीमा पर पहुँचता है तो हिंसक रूप भी ले सकता है.

उनका यह बयान स्पष्ट करता है कि शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भ्रष्टाचार और नाइंसाफ़ी केवल बच्चों के भविष्य से ही नहीं खेलती, बल्कि समाज में असंतोष और अस्थिरता भी बढ़ाती है.

भाजपा की शिक्षा नीति पर सवाल

अखिलेश यादव का आरोप है कि भाजपा ने शिक्षा का पूरा माहौल बिगाड़ दिया है.

स्कूलों में शिक्षक अनुपस्थित हैं.

झूठी हाज़िरी लगाया जा रहा है.

गरीब और पिछड़े वर्गों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित करने की कोशिश किया जा रहा है.

यह स्थिति केवल बच्चों के भविष्य को अंधकारमय नहीं बनाती, बल्कि प्रदेश की प्रगति को भी रोकती है.

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PDA समाज और नई चेतना

PDA समाज” यानी पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक—ये वर्ग हमेशा से सामाजिक न्याय की राजनीति का केंद्र रहे हैं.अखिलेश यादव का दावा है कि इन समुदायों के बीच PDA की नई चेतना का प्रसार हो रहा है, और यही भाजपा के लिए चिंता का विषय है.

जब ये समुदाय शिक्षित होंगे और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनेंगे, तो वे सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त होंगे. यही कारण है कि भाजपा शिक्षा को बाधित करने के उपाय कर रही है.

शिक्षा से वंचित करना: लोकतंत्र पर प्रहार

किसी भी लोकतांत्रिक समाज की नींव शिक्षा पर टिकी होती है. अगर किसी विशेष वर्ग को जानबूझकर शिक्षा से वंचित किया जाता है, तो यह न केवल सामाजिक अन्याय है बल्कि लोकतंत्र पर सीधा प्रहार भी है.

अखिलेश यादव का यह कहना है कि “भाजपा जाए तो स्कूल खिलखिलाए” वास्तव में शिक्षा और लोकतंत्र को बचाने का एक नारा है.

अखिलेश यादव का संदेश

अखिलेश यादव ने अपने बयान के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया है कि:

भाजपा की शिक्षा विरोधी नीतियों का अब विरोध किया जाएगा.

PDA समाज के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साज़िशें अब सफल नहीं होंगी.

समाजवादी पार्टी शिक्षा और सामाजिक न्याय के लिए संघर्षरत रहेगी.

निष्कर्ष

.अखिलेश यादव का यह बयान भाजपा की शिक्षा नीतियों और सत्ता-संरक्षित भ्रष्टाचार पर सीधा हमला है. उनका कहना है कि शिक्षा को रोकने के सभी प्रयास अंततः असफल होंगे, क्योंकि नई पीढ़ी शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से ही अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी.

भाजपा पर लगे आरोपों का कितना असर होगा, यह आने वाला समय बताएगा. लेकिन यह तय है कि “भाजपा जाए तो स्कूल खिलखिलाए” जैसे नारे अब राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बन चुके हैं.

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