अरवल जिले में मतदाता सूची से नाम हटाने की साजिश? मनोज सिंह यादव ने किया बड़ा खुलासा

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Ajit Kumar

बिहार
अरवल जिले में मतदाता सूची से नाम हटाने की साजिश? मनोज सिंह यादव ने किया बड़ा खुलासा

बिहार में वोट कटौती का नया विवाद: अरवल जिले से 76 हजार नाम हटाने की साजिश?

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 23 जुलाई:बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र चल रहे मतदाता गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के बीच अरवल जिले में एक गंभीर आरोप सामने आया है. अरवल जिला विकास मंच के अध्यक्ष और रेल आंदोलन के मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव ने प्रशासन पर जिले के करीब 76,000 मतदाताओं के नाम जानबूझकर मतदाता सूची से हटाने की साजिश का आरोप लगाया है.

अरवल जिले में मतदाता सूची से नाम हटाने की साजिश? मनोज सिंह यादव ने किया बड़ा खुलासा

मनोज सिंह यादव ने आज अरवल जिले के विभिन्न पंचायतों सोनबरसा, प्रसादी इंग्लिश, सकरी, फखरपुर तथा अरवल शहर में व्यापक मतदाता जागरूकता अभियान चलाया है.उन्होंने जनता से अपील किया है कि वे अपने वोट की सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और यदि मतदाता सूची से नाम गायब मिले. तो तुरंत बीएलओ से संपर्क करें और प्रपत्र भरकर पुनः नाम दर्ज करवाएं.उन्होंने कहा कि,अगर अरवल जिले के एक भी वैध मतदाता का नाम सूची से काटा गया.तो हम पूरे जिले में जन आंदोलन करेंगे.यह लोकतंत्र पर हमला है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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चुनाव आयोग द्वारा तय की गई अंतिम तिथि 25 जुलाई

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार बिहार में मतदाता गहन पुनरीक्षण कार्य 25 जुलाई 2025 तक चलेगा. इस दौरान मतदाताओं को वोटर लिस्ट में अपना नाम सुनिश्चित करने, आवश्यक सुधार कराने, और नए नाम जुड़वाने की सुविधा दिया जा रहा है.

बिहार में वोट कटौती का नया विवाद: अरवल जिले से 76 हजार नाम हटाने की साजिश?

मनोज सिंह यादव के नेतृत्व में अरवल जिला विकास मंच की टीम जगह-जगह जाकर लोगों को वोटर पर्ची डाउनलोड, SMS द्वारा नाम सत्यापन, और BLO से संपर्क करने जैसे जरूरी कदमों की जानकारी दे रहा है.

76,000 नाम हटाने की कोशिश लोकतंत्र के खिलाफ

मनोज सिंह यादव ने आरोप लगाया कि यह एक सोची-समझी साजिश है ताकि चुनिंदा समूहों को मताधिकार से वंचित किया जा सके. उन्होंने प्रशासन को चेताया कि यदि यह मंशा सफल हुई. तो आम जनता सड़कों पर उतर आयेगी और लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध किया जाएगा.

निष्कर्ष:

अरवल जिले में मतदाता सूची में व्यापक गड़बड़ी के आरोपों ने प्रशासन और निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है. वहीं, मनोज सिंह यादव के नेतृत्व में चल रहा जन-जागरूकता अभियान मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग कर रहा है. अब देखना यह है कि 25 जुलाई तक कितने नाम वापस सूची में शामिल हो पाते हैं और क्या यह मामला बड़े आंदोलन का रूप लेता है.

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