अशोक गहलोत बोले – NDA सरकार ने लोकतंत्र को खतरे में डाला, बिहार से शुरू होगा बदलाव
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,23 अक्टूबर 2025 — बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज़ हो गई है.इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार चुनाव के पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने एक सशक्त राजनीतिक संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि आज देश जिस दिशा में जा रहा है, वह चिंता का विषय है. NDA सरकार के शासन में लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है, और अब जनता को आगे आकर इस तानाशाही के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिये.
गहलोत का बयान कांग्रेस के आधिकारिक X (Twitter) हैंडल से जारी किया गया, जिसमें उन्होंने कहा,
आज देश के जो हालात हैं, उससे हम सभी चिंतित हैं. NDA सरकार जिस तरह से चल रही है, उससे लोकतंत्र को खतरा है.
देश किस दिशा में जा रहा है, कोई नहीं जानता
अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आज देश में असहमति की कोई जगह नहीं बची है.अगर कोई व्यक्ति या संगठन सरकार की आलोचना करता है, तो उसे दबाने की कोशिश की जाती है.
उन्होंने कहा, अगर कोई आवाज उठाता है, तो उसे जेल भेज दिया जाता है.
गहलोत के इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज़ हैं, क्योंकि यह विपक्ष की उस साझा चिंता को सामने लाता है जो बीते कुछ वर्षों में बार-बार उठाई गई है — कि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा कमजोर हो रहा है.
BJP पर लोकतंत्र खत्म करने का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ने BJP पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि पार्टी के अंदर कोई लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं बची है.
BJP के अंदर कोई डेमोक्रेसी नहीं है.यह सिर्फ मुखौटा लेकर घूम रहे हैं.
गहलोत ने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान बीजेपी लगातार झूठे वादे करती है, विपक्ष को बदनाम करती है और धन-बल का उपयोग कर जनता को भ्रमित करती है.
उन्होंने कहा कि यह भ्रम और प्रोपेगेंडा की राजनीति अब ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली, क्योंकि जनता सच्चाई जान चुकी है.
महागठबंधन की भूमिका: बिहार बनेगा परिवर्तन की भूमि
अशोक गहलोत ने बिहार की जनता से अपील किया कि वे महागठबंधन की सरकार बनाएं, ताकि बिहार का समग्र विकास हो सके.
उन्होंने कहा कि बिहार का चुनाव केवल एक राज्य का चुनाव नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लिए दिशा तय करेगा.
पूरा देश बिहार की तरफ देख रहा है… क्योंकि अब बदलाव की शुरुआत बिहार से ही होगी.
कांग्रेस और महागठबंधन दलों का कहना है कि बिहार में बेरोज़गारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए एक संवेदनशील और जवाबदेह सरकार की ज़रूरत है — जो NDA सरकार की नीतियों के विपरीत जनता के हितों को प्राथमिकता दे.
लोकतंत्र की रक्षा का संदेश
गहलोत के इस बयान के माध्यम से कांग्रेस ने स्पष्ट संदेश दिया है कि 2025 का बिहार चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि लोकतंत्र की पुनर्स्थापना की लड़ाई है.
उनका कहना है कि देश में आज भय और विभाजन का माहौल बनाया जा रहा है, और ऐसी परिस्थितियों में नागरिकों का कर्तव्य बनता है कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आएं.
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कांग्रेस का रणनीतिक फोकस
कांग्रेस की रणनीति अब स्पष्ट रूप से लोकतंत्र बनाम तानाशाही के नैरेटिव पर केंद्रित है. पार्टी बिहार में युवाओं, किसानों, मजदूरों और आम नागरिकों के मुद्दों को केंद्र में रखकर प्रचार अभियान चला रही है.
गहलोत का बयान इसी दिशा में एक राजनीतिक संकेत है कि कांग्रेस महागठबंधन के भीतर नेतृत्व और विचारधारा, दोनों स्तरों पर अपनी भूमिका मजबूत करना चाहती है.
निष्कर्ष: बिहार का चुनाव, देश की दिशा
2025 का बिहार विधानसभा चुनाव सिर्फ राज्य की सत्ता का सवाल नहीं है, बल्कि यह तय करेगा कि देश किस दिशा में जाएगा — लोकतांत्रिक रास्ते पर या केंद्रीकृत सत्ता के रास्ते पर.
अशोक गहलोत का यह बयान इस बात की याद दिलाता है कि लोकतंत्र केवल मतदान से नहीं, बल्कि साहस और सच बोलने की क्षमता से जीवित रहता है.
बिहार की जनता के सामने अब यही सवाल है — क्या वे बदलाव के इस आह्वान को स्वीकार करेंगे?
समाप्ति
अशोक गहलोत ने बिहार चुनाव के दौरान NDA सरकार पर लोकतंत्र को खतरे में डालने का आरोप लगाया और जनता से महागठबंधन की सरकार बनाने की अपील की.उन्होंने कहा कि BJP में लोकतंत्र खत्म हो चुका है और बिहार अब बदलाव की भूमि बनेगा.

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