सांप्रदायिक ताकतों के बढ़ते हौसले पर पार्टी की चेतावनी
तीसरा पक्ष ब्यूरो नई दिल्ली,22 सितंबर 2025 आज़ाद समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक ताक़तों के बढ़ते प्रभाव और दमनकारी रवैये पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.पार्टी के ट्विटर हैंडल @AzadSamajParty पर साझा किए गए संदेश में साफ़ कहा गया कि भारत में धार्मिक ध्रुवीकरण से देश की एकता और अमन-भाईचारा खतरे में है.पार्टी ने कहा कि वे अंबेडकरवादी दृष्टिकोण के तहत हमेशा हर मज़लूम और उत्पीड़ित समुदाय के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे.

“I love Muhammad” पर मुकदमे: संविधान का उल्लंघन
पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि सिर्फ़ I love Muhammad” बोलने के कारण मुस्लिम समुदाय के लोगों पर मुकदमे दर्ज करना संविधान का सीधा उल्लंघन है. यह न केवल न्याय के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है, बल्कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों की हत्या के समान है.आज़ाद समाज पार्टी ने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई समाज में डर और असुरक्षा की भावना पैदा करती है और सभी धर्मों और समुदायों के बीच दूरी बढ़ाती है.
सरकार के खिलाफ चुनौती और जेल की चेतावनी
आज़ाद समाज पार्टी ने सरकार को चुनौती दी है. पार्टी ने स्पष्ट कहा कि अगर सरकार को मुकदमे दर्ज करने की हिम्मत है तो वे तैयार हैं.पार्टी ने यह भी कहा कि देखना चाहते हैं कि जेलों में कितनी जगह है.इस बयान में स्पष्ट तौर पर यह संदेश है कि किसी भी प्रकार का दमन या भेदभाव उनके संकल्प को कमजोर नहीं कर सकता.
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समानता और भाईचारे के लिए पार्टी का संदेश
पार्टी ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल विरोध करना नहीं है, बल्कि देश में समानता, न्याय और भाईचारे को मजबूत करना है. उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र में आलोचना करना और सवाल उठाना हर नागरिक का मूल अधिकार है. किसी भी सरकार द्वारा धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव करना समाज के लिए खतरनाक है.आज़ाद समाज पार्टी ने स्पष्ट किया कि सभी धर्म और जाति के लोग संविधान के तहत समान अधिकार रखते हैं.
प्रशासन और सरकार के लिए चेतावनी संदेश
अंततः, आज़ाद समाज पार्टी का यह कदम सरकार और प्रशासन के लिए एक मजबूत चेतावनी है.यह संदेश है कि देश में सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए कोई समझौता नहीं होगा. किसी भी सरकारी या प्रशासनिक रवैये से देश में भाईचारे और अमन को नुकसान पहुँचने दिया नहीं जाएगा.पार्टी ने सभी संबंधित पक्षों से न्यायसंगत और संवैधानिक कार्रवाई की मांग की है.
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार को अब यह समझना होगा कि संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन केवल राजनीतिक विवाद नहीं है, बल्कि समाज में भय और असमानता फैलाने वाला कदम है. आज़ाद समाज पार्टी का स्पष्ट और सशक्त विरोध इस बात का संकेत है कि देश में न्याय, समानता और भाईचारे के लिए संघर्ष जारी रहेगा.

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