भगत सिंह जयंती 2025:भट्टाचार्य का युवाओं को प्रेरित करने वाला संदेश

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Kumar Ranjit

बिहार
भगत सिंह जयंती 2025:भट्टाचार्य का युवाओं को प्रेरित करने वाला संदेश

दीपंकर भट्टाचार्य ने युवाओं से कहा – अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाएं आवाज

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 28 सितम्बर 2025 – शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती के अवसर पर भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने युवाओं को एक प्रेरक संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि भगत सिंह सिर्फ़ इतिहास का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि आज भी वे हर न्यायप्रिय और क्रांतिकारी सोच रखने वाले नौजवानों के दिल की धड़कन हैं.

दीपंकर भट्टाचार्य ने युवाओं से कहा – अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाएं आवाज

भट्टाचार्य ने विशेष रूप से कहा है कि,भगत सिंह अपने दौर के जेन–जी थे, जिन्होंने अन्याय और शोषण को खुलकर चुनौती दिये थे .आज की जेन–जी पीढ़ी के लिए भी वे सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत हैं.

गांधी मैदान स्थित भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के नौजवान वर्तमान में भ्रष्टाचार, झूठ और विश्वासघात से परेशान हैं. उनका आक्रोश एक न्यायपूर्ण दिशा की तलाश में है, और इसका सही इस्तेमाल करके ही बिहार की राजनीति में बदलाव लाया जा सकता है.

युवाओं की चेतना और सामाजिक बदलाव की आवश्यकता

युवाओं की चेतना और सामाजिक बदलाव की आवश्यकता

दीपंकर भट्टाचार्य ने युवाओं से अपील किया कि वे भगत सिंह की जयंती को सिर्फ़ स्मृति दिवस न मानें.बल्कि इसे अन्याय, भ्रष्टाचार और शोषण के खिलाफ़ लड़ाई को आगे बढ़ाने का संकल्प दिवस बनाये. उन्होंने कहा कि,“भगत सिंह ने जिस निर्भीकता से साम्राज्यवाद और शोषण के खिलाफ़ आवाज़ उठाई थी, उसी निर्भीकता से आज हमें भी सांप्रदायिकता, कॉर्पोरेट लूट और तानाशाही प्रवृत्ति के खिलाफ़ लड़ाई लड़नी होगी.

भट्टाचार्य ने स्पष्ट किया कि बिहार इस समय एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है.भाजपा हर हाल में बिहार को अपने कब्ज़े में लेना चाहती है. यह वही ताक़त है जो आरक्षण पर हमला करती है, वोट चुराती है, जनता के अधिकार छीन लेती है और किसानों की ज़मीन बड़े कॉर्पोरेट घरानों को सौंप देती है.

एनडीए सरकार और युवाओं की प्रतिक्रिया

एनडीए सरकार और युवाओं की प्रतिक्रिया

भट्टाचार्य ने एनडीए सरकार पर तीखा हमला किया और कहा कि युवाओं की बेचैनी और गुस्सा एक न्यायपूर्ण दिशा की तलाश में है.उनका मानना है कि सही नेतृत्व और संगठित आंदोलन के माध्यम से यह गुस्सा सकारात्मक ताक़त में बदल सकता है.

उन्होंने उपस्थित युवाओं को संदेश दिया कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करना आज सबसे बड़ी आवश्यकता है.भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और तानाशाही प्रवृत्तियों के खिलाफ़ आवाज उठाना ही वास्तविक जिम्मेदारी है.

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कार्यकर्ताओं और समर्थकों की उपस्थिति

इस अवसर पर का. शशि यादव, धीरेंद्र यादव, रिंकू यादव, कुमार दिव्यम, संतोष सहर, संतोष आर्य, देव शंकर और विकास कुमार सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद थे। उन्होंने भगत सिंह की जयंती को एक आंदोलनात्मक ऊर्जा में बदलने का संकल्प लिया.

कार्यकर्ताओं और समर्थकों की उपस्थिति

भट्टाचार्य ने कहा कि युवाओं की सक्रिय भागीदारी से ही बिहार की राजनीति में बदलाव संभव है। उन्हें चाहिए कि वे शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और राजनीतिक समझ के माध्यम से भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ़ संघर्ष करें.

निष्कर्ष

शहीद भगत सिंह की जयंती केवल एक स्मृति दिवस नहीं, बल्कि युवाओं के लिए संघर्ष और क्रांतिकारी सोच का प्रतीक है. दीपंकर भट्टाचार्य ने इस अवसर का इस्तेमाल युवाओं को प्रेरित करने और उन्हें न्यायपूर्ण दिशा में संगठित करने के लिए किया है.

यह संदेश आज के युवाओं के लिए स्पष्ट है – अन्याय, भ्रष्टाचार और शोषण के खिलाफ़ आवाज उठाना हर सच्चे नागरिक की जिम्मेदारी है. बिहार की युवा शक्ति ही आने वाले बदलाव की असली कड़ी है.

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