बिहार चुनाव में आचार संहिता पर उठे सवाल,कांग्रेस का आरोप: चुनावी मैदान में खुली खरीद-फरोख्त
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,21 अक्टूबर 2025— बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे अपने निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक तापमान भी चरम पर पहुंच गया है.इस बीच, कांग्रेस की बिहार इकाई ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि जाले विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी जीवेश मिश्रा खुलेआम मतदाताओं को साड़ी, घड़ी और नकद पैसे बांट रहे हैं.
कांग्रेस ने कहा है कि यह सब कुछ चुनाव आयोग की जानकारी में और कथित तौर पर स्वीकृत गाड़ी से किया जा रहा है, जिससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गहरे सवाल खड़ा होता हैं.

कांग्रेस का आरोप: चुनावी मैदान में खुली खरीद-फरोख्त
बिहार कांग्रेस ने अपने आधिकारिक X (Twitter) हैंडल @INCBihar से एक वीडियो साझा करते हुए लिखा है कि,
देखिए कैसे जाले विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी जीवेश मिश्रा खुलेआम अपनी गाड़ी से साड़ी, घड़ी और पैसा बांट रहे हैं. ये सब कुछ चुनाव आयोग की जानकारी में, और उनकी स्वीकृत गाड़ी से हो रहा है.क्या यही है आदर्श चुनाव? क्या यही है लेवल प्लेइंग फील्ड?
इस ट्वीट के बाद राज्य की सियासत में हलचल मच गई.कांग्रेस ने चुनाव आयोग से तत्काल संज्ञान लेने और कठोर कार्रवाई की मांग किया है.पार्टी नेताओं का कहना है कि यह घटना आदर्श आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है.
चुनावी नैतिकता बनाम चुनावी रणनीति
आदर्श आचार संहिता के अनुसार, कोई भी प्रत्याशी मतदाताओं को उपहार, पैसा या किसी भी प्रकार का प्रलोभन नहीं दे सकता है.यह प्रावधान इसलिए बनाया गया है ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे.
लेकिन जाले से सामने आई यह घटना इस बात का संकेत देता है कि अब भी कई जगहों पर पैसे और उपहार की राजनीति पुराने ढर्रे पर जारी है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं सिर्फ चुनावी माहौल को दूषित ही नहीं करतीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर आम जनता के भरोसे को भी कमजोर करता हैं.
भाजपा प्रत्याशी पर लगे आरोपों की पड़ताल
हालांकि भाजपा की ओर से इस आरोप पर कोई आधिकारिक बयान अब तक सामने नहीं आया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है.उनका कहना है कि विपक्ष लगातार भाजपा प्रत्याशियों की छवि धूमिल करने में लगा हुआ है.
वहीं, कांग्रेस का दावा है कि वीडियो में जो दृश्य हैं, वे स्वयं बोलता हैं,अगर ये आरोप झूठा हैं, तो भाजपा को खुद सामने आकर सफाई देनी चाहिए.
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चुनाव आयोग की भूमिका पर उठे प्रश्न
कांग्रेस ने यह भी कहा है कि अगर यह सब चुनाव आयोग की जानकारी में हो रहा है, तो आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
एक चुनाव विशेषज्ञ का कहना है कि,
यदि कोई प्रत्याशी आयोग की स्वीकृत गाड़ी से उपहार वितरण कर रहा है, तो यह चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.चुनाव आयोग को ऐसी शिकायतों की जांच तेज़ी से करनी चाहिए.
जाले विधानसभा का सियासी समीकरण
जाले विधानसभा क्षेत्र (दरभंगा ज़िला) में मुकाबला हमेशा से त्रिकोणीय रहा है भाजपा, कांग्रेस और राजद के बीच.
भाजपा प्रत्याशी जीवेश मिश्रा इस क्षेत्र में पहले भी विधायक रह चुके हैं, जबकि कांग्रेस इस बार उन्हें कड़ी टक्कर देने की स्थिति में है.
ऐसे में, इस तरह के आरोप का चुनावी प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा है.कई राजनीतिक पर्यवेक्षक इसे नैरेटिव वॉर यानी चुनावी धारणा की लड़ाई के रूप में देख रहे हैं.
जनता की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर आक्रोश
X (Twitter) और Facebook पर कांग्रेस के इस पोस्ट को लेकर लोगों में नाराज़गी देखने को मिली.
कई यूजर्स ने लिखा कि अगर ये वीडियो असली है, तो यह लोकतंत्र का मज़ाक है.
दूसरी ओर, कुछ लोगों ने इसे चुनावी नौटंकी करार देते हुए कहा कि चुनाव के समय हर दल एक-दूसरे पर आरोप लगाने की राजनीति करता है.
निष्कर्ष: आदर्श चुनाव की परिभाषा पर पुनर्विचार
बिहार कांग्रेस का यह आरोप चुनावी ईमानदारी के मुद्दे को फिर से केंद्र में ले आया है.
लोकतंत्र में चुनाव सिर्फ जीतने का माध्यम नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की परीक्षा भी होता है.
अगर सच में चुनावी मैदान में उपहार और पैसे का खेल चल रहा है, तो यह सिर्फ किसी एक प्रत्याशी या दल की समस्या नहीं — यह समूचे लोकतांत्रिक तंत्र के लिए खतरा है.
अब सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इन शिकायतों पर ठोस कदम उठाएगा या फिर यह मामला भी सोशल मीडिया की चर्चा बनकर रह जाएगा?

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