सात निश्चय-2: रोजगार और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,22 जुलाई:बिहार में युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार के अधिक अवसर देने की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. अब तक जहां ‘सात निश्चय-2’ कार्यक्रम के तहत 20 लाख रोजगार (10 लाख सरकारी नौकरी + 10 लाख निजी क्षेत्र में रोजगार) देने का लक्ष्य था.अब इसे बढ़ाकर अब 50 लाख रोजगार का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. इसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और बिहार की आर्थिक प्रगति को नई ऊंचाई पर पहुंचाना है.
क्या है ‘सात निश्चय-2’ योजना?
‘सात निश्चय-2’ बिहार सरकार की वह महत्वाकांक्षी योजना है. जिसे वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए लॉन्च किया गया था.इसका उद्देश्य न केवल शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देना है. बल्कि रोजगार के अवसरों का भी विस्तार करना है.
इस योजना के तहत मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं.
- युवाओं को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी और व्यवसायिक प्रशिक्षण देना
- सरकारी विभागों में रिक्त पदों की भरती
- स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देना
- डिजिटल साक्षरता और ई-लर्निंग के अवसर
- महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहन
2025 तक 50 लाख रोजगार: क्या है नया लक्ष्य?
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, बिहार (IPRD Bihar) ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि सरकार ने अगस्त 2025 तक 50 लाख रोजगार और सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य तय किया है. इस लक्ष्य को दो हिस्सों में बांटा गया है,
12 लाख सरकारी नौकरी: राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में भर्तियों की प्रक्रिया तेज़ी से चलाई जा रहा है.शिक्षा, पुलिस, स्वास्थ्य, प्रशासन, तकनीकी विभाग आदि में हज़ारों पदों पर बहाली चल रहा है.
38 लाख अन्य रोजगार: इनमें स्वरोजगार, स्टार्टअप, माइक्रो फाइनेंस आधारित व्यापार, कौशल विकास के बाद निजी कंपनियों में रोजगार शामिल हैं.
सरकार की रणनीति: किस तरह मिलेगा रोजगार?
राज्य सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बहु-आयामी रणनीति पर काम कर रहा है.:
तेज़ भर्ती प्रक्रिया: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC Bihar), स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग सहित सभी आयोगों को भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेज़ी लाने के निर्देश दिया गया है .
कौशल विकास मिशन: बिहार कौशल विकास मिशन (BSDM) के तहत लाखों युवाओं को रोजगार योग्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
स्टार्टअप सहायता: युवाओं को स्वरोजगार के लिए सस्ते ब्याज पर लोन, मेंटरशिप, मार्केटिंग सहायता और सरकारी अनुदान भी मिल रहा है.
महिलाओं के लिए विशेष योजना: महिला उद्यमियों को स्वरोजगार के लिए अलग से ट्रेनिंग और आर्थिक मदद दिया जा रहा है .
अब तक की उपलब्धि
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2020 से लेकर 2025 की पहली तिमाही तक सरकार लगभग 22 लाख युवाओं को नौकरी या रोजगार दे चुका है. अब अगले एक साल में बाकी 28 लाख रोजगार के लक्ष्य को पूरा करने की योजना पर काम किया जा रहा है.
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक मामलों के जानकारों का मानना है कि यदि यह योजना पूरी तरह से क्रियान्वित होती है. तो बिहार देश के उन गिने-चुने राज्यों में शामिल हो जायेगा जहां सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रभावी कदम उठाया हैं. इससे बिहार से बाहर जाने वाले युवाओं का पलायन भी कम होगा.
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह योजना न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कारगर साबित हो सकता है. बल्कि बिहार के आर्थिक विकास को भी मजबूती दे सकता है. यदि आप बिहार के निवासी हैं और सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा अवसर हो सकता है.

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