बोले- जनता का हक छीन रही है NDA सरकार
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना 17 जून: बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन पर बड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि राज्य में अब “RSS कोटा” के आधार पर सरकार चलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू के वे विधायक और सांसद जो जनता द्वारा चुने गए हैं, उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है, जबकि पीछे के दरवाज़े से एमएलसी और सांसद बने लोग फैसले ले रहे हैं.
तेजस्वी ने X पर पोस्ट कर लिखा, जदयू-भाजपा में चुनाव जीतकर आने वाले विधायक-सांसद हाशिए पर हैं.जबकि आरएसएस कोटा से आए लोग मंत्री बन रहे हैं, टिकट बांटे जा रहे हैं और सरकार का संचालन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेहोश पड़े हैं.
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार की सियासत में आंतरिक खींचतान और सत्ता के केंद्र में RSS की भूमिका को लेकर चर्चाएं तेज हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि “RSS कोटा” अब बिहार की राजनीति में एक नया पैरामीटर बन चुका है, जहां संगठन की पसंद से ही नेताओं को सत्ता और जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं.
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क्या है ‘RSS कोटा’?
तेजस्वी का इशारा ऐसे नेताओं की ओर है जो RSS या उससे जुड़े संगठनों से सीधे संबंध रखते हैं और जिन्हें संगठन की सिफारिश पर राजनीतिक पदों पर बैठाया जा रहा है — चाहे वे चुनाव जीतकर आए हों या न हों.
नीतीश पर निशाना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी ने कहा कि नीतीश अब फैसलों से कटे हुए हैं और राज्य में असली नियंत्रण उन लोगों के हाथ में है जो पीछे के दरवाज़े से सत्ता में आए हैं.
राजनीति में नए विवाद की शुरुआत
इस बयान से बिहार की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है. क्या वाकई सत्ता में “RSS कोटा” नाम की कोई अनदेखी व्यवस्था काम कर रही है? क्या जनप्रतिनिधियों की जगह अब संगठन विशेष के लोग सरकार चला रहे हैं?
नजर आने वाले प्रभाव
तेजस्वी यादव के इस बयान को आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सत्ता विरोधी माहौल बनाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है.यदि विपक्ष इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से उठाता है, तो यह एनडीए के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.

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