बिहार में पिछड़े वर्गों के सामाजिक न्याय पर आयोग ने की महत्वपूर्ण जनसुनवाई

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Ajit Kumar

बिहार
बिहार में पिछड़े वर्गों के सामाजिक न्याय पर आयोग ने की महत्वपूर्ण जनसुनवाई

केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए 18 जातियों/उपजातियों पर चर्चा

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 4 अक्टूबर 2025 — बिहार में पिछड़े वर्गों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान को लेकरआज एक महत्वपूर्ण जनसुनवाई का आयोजन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के तत्वावधान में किया गया है इस जनसुनवाई की अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने की, जबकि आयोग के सदस्य श्री भुवन भूषण कमल भी इस अवसर पर मौजूद रहे.

केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए 18 जातियों/उपजातियों पर चर्चा

पटना के स्टेट गेस्ट हाउस में आयोजित इस सुनवाई में बिहार राज्य की विभिन्न जातियों/उपजातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने पर विस्तार से चर्चा हुई.इस अवसर पर कुल 18 जातियों/उपजातियों—जिनमें बाथम वैश्य, वियाहुत कलवार, छिपी, दोनवार, गोसाई, लक्ष्मी नारायण गोला, सैंथवार, मोदक मायरा, सामरी वैश्य, सूत्रधार, गोढ़ी (छाबी), परथा और सुरजापुरी मुस्लिम शामिल हैं—को केंद्रीय सूची में जोड़ने के प्रस्ताव पर विचार किया गया.

जनप्रतिनिधियों और समुदायों के प्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष अपनी बात रखी और इन जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने का पूर्ण समर्थन जताया.यह बैठक बिहार सरकार और आयोग के बीच आयोजित चौथी महत्वपूर्ण बैठक थी, जिसमें राज्य सरकार के अधिकारी भी शामिल हुए.

आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने बिहार सरकार के अधिकारियों से इन जातियों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक पिछड़ेपन के समसामयिक आंकड़े प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है .उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

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राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने यह निर्णय लिया कि आगामी नवंबर महीने के प्रथम सप्ताह में इन जातियों के संबंध में अगली जनसुनवाई आयोजित की जाएगी. भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि समाज के प्रत्येक वर्ग को समान अवसर मिलना चाहिए. आयोग की यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के सिद्धांत को और मजबूत करेगी.

इस जनसुनवाई से यह संदेश भी मिलता है कि सरकार और आयोग मिलकर पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा और उनके समग्र विकास के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं.

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