भाजपा का पसमांदा समाज की ओर बड़ा कदम

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kmSudha

बिहार
भाजपा का पसमांदा समाज की ओर बड़ा कदम

समानता, संवाद और विकास बना नया संकल्प

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 30 जून :बिहार भाजपा ने आज एक ऐतिहासिक पहल करते हुए पसमांदा समाज के साथ संवाद और सहभागिता का मंच तैयार किया.राजधानी पटना स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय के अटल सभागार में आयोजित पसमांदा मिलन समारोह में बड़ी संख्या में पसमांदा समाज के लोग शामिल हुए और भाजपा की सदस्यता ली.

भाजपा का पसमांदा समाज की ओर बड़ा कदम

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.मंच पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद कमरूजमा अंसारी, मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे.

पसमांदा समाज की अनदेखी अब इतिहास बनने जा रही है: डॉ. जायसवाल

अपने संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा की भाजपा की राजनीति किसी जाति या धर्म के नाम पर नहीं, बल्कि समावेश और विकास के सिद्धांतों पर आधारित है. ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ सिर्फ नारा नहीं, भाजपा का मूल दर्शन है.उन्होंने कहा कि बिहार की सियासत में दशकों तक मुसलमानों के नाम पर राजनीति होती रही, लेकिन पसमांदा समुदाय हमेशा हाशिये पर रहा.

पसमांदा समाज की अनदेखी अब इतिहास बनने जा रही है: डॉ. जायसवाल

पसमांदा का शाब्दिक अर्थ है ‘जो पीछे छूट गए’, और दुर्भाग्य से इन्हें आगे लाने का ईमानदार प्रयास कभी नहीं किया गया.
डॉ. जायसवाल ने भरोसा दिलाया कि भाजपा न सिर्फ इनकी सामाजिक और आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करेगी, बल्कि राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है.

70-80% मुस्लिम पसमांदा हैं, लेकिन कोई बात ही नहीं करता: दानिश इकबाल

70-80% मुस्लिम पसमांदा हैं, लेकिन कोई बात ही नहीं करता: दानिश इकबाल

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने इस मौके पर साफ शब्दों में कहा कि “मुस्लिम समुदाय के भीतर पसमांदा मुसलमानों की संख्या 70 से 80 प्रतिशत है, लेकिन उन्हें हमेशा पीछे रखा गया. एक वर्ग विशेष ने उनका इस्तेमाल किया, मगर हक नहीं दिया.उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा अब इस स्थिति को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है और यही कारण है कि एनडीए शासनकाल में उन्हें आरक्षण और विकास की योजनाओं से जोड़ा गया.

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पसमांदा समाज ने दिखाई एकजुटता, भाजपा में जताया भरोसा

कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि बड़ी संख्या में पसमांदा समाज के लोगों ने भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा नेतृत्व ने उन्हें औपचारिक रूप से पार्टी का हिस्सा बनाया और आश्वस्त किया कि आने वाले दिनों में उनकी आवाज न केवल सुनी जाएगी, बल्कि निर्णायक भूमिका भी दी जाएगी

सम्मेलन में पहुंचे कई प्रमुख चेहरे

सम्मेलन में पहुंचे कई प्रमुख चेहरे
इस समारोह में पसमांदा समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले अनेक महत्वपूर्ण चेहरे जैसे गुलाम सरवर अंसारी, सब्बीर पँवड़िया, इकबाल अंसारी, हासिम हक्खु, वसीम रजा, शब्बीर, ग्याद्दीन हक्खु सहित प्रदेश के कई जिलों से लोग शामिल हुए.

निष्कर्ष

पसमांदा मिलन समारोह भाजपा की एक नई राजनीतिक दिशा की ओर इशारा करता है, जहां अब राजनीतिक भागीदारी सिर्फ गिने-चुने चेहरों तक सीमित नहीं रहेगी. यह सम्मेलन न सिर्फ सामाजिक न्याय की बात करता है, बल्कि राजनीतिक समावेश की एक ठोस शुरुआत भी है.

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