सत्ता की दलाली नहीं,सामाजिक न्याय की लड़ाई चाहिए – चैरसिया की बगावती हुंकार!
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,3 अगस्त : जब चुप्पी टूटी, तो सियासत हिल गई!:बिहार की राजनीति में एक ऐसा मोड़ आया है. जिसने सत्ता के गलियारों में खलबली मचा दिया है. जिस पार्टी ने दशकों तक अति पिछड़ों के नाम पर राजनीति किया उसी भाजपा को अब उन्हीं के वर्ग के एक मजबूत चेहरे ने करारा झटका दिया है.भाजपा अति पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश प्रसाद चैरसिया ने खुलकर बगावत कर दिया है.और अपनी सैकड़ों समर्थकों की फौज के साथ आज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल होकर साफ संदेश दे दिया—अब खामोशी नहीं, क्रांति होगी!

इस कदम से न सिर्फ भाजपा की नींव हिला है.बल्कि पूरे बिहार में सामाजिक न्याय और राजनीतिक सम्मान की एक नई बहस शुरू हो गया है. सवाल सिर्फ पार्टी बदलने का नहीं है.यह उस व्यवस्था को चुनौती देने का एलान है. जो सिर्फ वादे करती है, पर बदलाव नहीं.तो क्या यह एक नई राजनीतिक लहर की शुरुआत है? क्या अब पिछड़े वर्ग की आवाज़ सचमुच सत्ता के गलियारों में गूंजेगी? तो आइये जानते है बिस्तार से….
सियासत में बड़ा उलटफेर, भाजपा को छोड़ चैरसिया पहुंचे राजद में
राजनीति की बिसात पर आज एक बड़ा दांव खेला गया है. भाजपा के अति पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता श्री सुरेश प्रसाद चैरसिया ने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी को अलविदा कहकर राष्ट्रीय जनता दल की सदस्यता ले लिया है.पटना स्थित राजद कार्यालय में यह राजनीतिक धमाका हुआ. जहां चैरसिया को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया.राजनीतिक गलियारों में इसे भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. खासकर उस वक्त जब पार्टी सामाजिक न्याय के दावे को लेकर खुद को पिछड़े वर्ग का सबसे बड़ा हितैषी बताने में जुटा हुआ है.
भाजपा ने हमें केवल इस्तेमाल किया, पहचान नहीं दी – चैरसिया का बड़ा बयान
राजद में शामिल होते ही सुरेश चैरसिया ने भाजपा पर खुलकर हमला बोला और उन्होंने कहा कि,भाजपा में पिछड़े वर्ग की न कोई सुनवाई होती है न सम्मान। हमें केवल वोट बैंक समझा गया. अब हम चुप नहीं बैठेंगे. हम उन ताकतों से लड़ेंगे जो सामाजिक न्याय और संविधान को कुचलना चाहती हैं.
उनकी यह टिप्पणी बिहार की भाजपा इकाई के लिए एक गंभीर चेतावनी है. जिसमें वर्षों से पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश किया जाता रहा है.
लालू की विचारधारा, तेजस्वी का विजन – अब नया बिहार बनेगा
सदस्यता समारोह में राजद प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. तनवीर हसन ने न सिर्फ नए साथियों का स्वागत किया है.बल्कि उन्हें लालू यादव की जीवनी ‘गोपालगंज टू रायसीना’ भेंट कर पार्टी की विचारधारा से परिचय भी कराया है.
यह भी पढ़े :तेजस्वी यादव के नाम पर साजिशन गड़बड़ी?
यह भी पढ़े :मरे नहीं, जिंदा हैं — फिर भी वोटर लिस्ट से गायब क्यों?
डॉ. हसन ने कहा कि तेजस्वी यादव ने बिहार में जो नई राजनीति की शुरुआत की है. उसमें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और युवाओं का भविष्य प्राथमिकता है. भाजपा ने केवल जुमले दिये लेकिन तेजस्वी ने ज़मीन पर काम किया है.
17 महीने की सरकार में तेजस्वी ने दिखाया दम, NDA को आईना
महागठबंधन सरकार के 17 महीनों को लेकर डॉ. हसन और एजाज अहमद ने साफ कहा कि तेजस्वी यादव ने नफरत की राजनीति को पीछे धकेलकर विकास और रोज़गार को मुख्य एजेंडा बनाया है.
स्वास्थ्य, पर्यटन, आईटी, सिंचाई और शिक्षा में जिस तरह की पहल तेजस्वी ने की, उसने स्पष्ट कर दिया कि अगर मौका मिला तो बिहार में विकास की गाड़ी तेज दौड़ेगी.
अब होगा आर-पार – संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ की हुंकार
राजद नेताओं ने मंच से स्पष्ट संदेश दिया कि यह वक्त संविधान और लोकतंत्र को बचाने का है.भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा गया कि,देश में लोकतंत्र को कुचला जा रहा है. सत्ता में बैठे लोग केवल सत्ता बचाने में लगे हैं. जनता की आवाज़, युवाओं की बेरोज़गारी और किसानों की बदहाली पर कोई चर्चा नहीं होता है.अब जनता को खुद फैसला लेना होगा.
निष्कर्ष:
सुरेश चैरसिया का राजद में आना महज एक दल-बदल नहीं है बल्कि सामाजिक और राजनीतिक चेतना की चिंगारी है. यह घटनाक्रम दिखाता है कि अब जनता और नेता दोनों बदलाव चाहते हैं. एक ऐसा बदलाव जो सिर्फ नारे नहीं.बल्कि हकीकत में समावेशी और न्यायपूर्ण भारत की नींव रख सके.

I am a blogger and social media influencer. I have about 5 years experience in digital media and news blogging.