राहुल गांधी को गोली मारने की धमकी पर बवाल, राजद ने भाजपा को घेरा

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Ajit Kumar

भारतबिहार
राहुल गांधी को गोली मारने की धमकी पर बवाल, राजद ने भाजपा को घेरा

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन का बयान – भाजपा का यही चाल, चरित्र और चेहरा है

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,29 सितंबर 2025 – भारतीय राजनीति इस समय आरोप-प्रत्यारोप के दौर से गुजर रह है. ताज़ा विवाद उस समय गहराया जब भाजपा के एक प्रवक्ता ने टीवी डिबेट में देश के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लेकर विवादित बयान दे दिया.इस बयान में उन्होंने यहां तक कह दिया कि “सीने में गोली मार दी जाएगी”. इस पर राजद (RJD) ने भाजपा को लोकतंत्र और संविधान विरोधी बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है.

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन का बयान – भाजपा का यही चाल, चरित्र और चेहरा है

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि भाजपा का यही असली चाल, चरित्र और चेहरा है. जब भाजपा विपक्ष को एजेंसियों के दबाव में चुप नहीं करा सकी तो अब प्रत्यक्ष रूप से जान से मारने की धमकी देने पर उतर आई है.

भाजपा प्रवक्ता का बयान और विवाद

केरल के एक न्यूज चैनल पर आयोजित लाइव डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता प्रिंटू महादेव ने राहुल गांधी के बारे में विवादित टिप्पणी किया है.उन्होंने कहा कि “राहुल गांधी के सीने में गोली मार दी जाएगी”.यह बयान तेजी से वायरल हो गया और राजनीतिक गलियारों में भूचाल मच गया.

इससे पहले भी भाजपा प्रवक्ता कई बार डिबेट में विपक्षी नेताओं और प्रवक्ताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते रहे हैं. लेकिन यह पहला मौका है जब सीधे देश के विपक्षी नेता को सार्वजनिक रूप से मौत की धमकी दिया गया है .

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन का पलटवार

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि,

भाजपा का लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान पर कभी विश्वास नहीं रहा है.

जब ईडी, आईटी, सीबीआई और चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग करके भी विपक्ष को चुप नहीं करा पाया तो,अब भाजपा खुलकर हिंसक धमकियों पर उतर आया है .

यह बयान सिर्फ राहुल गांधी की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है.

गगन ने भाजपा से पूछा कि क्या अब विपक्ष के नेताओं को आवाज उठाने के लिए गोलियों से चुप कराया जाएगा?

राहुल गांधी की सुरक्षा पर चिंता

यह विवाद ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस पार्टी पहले ही राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा चुकी है.कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी लगातार आम जनता के बीच रहते हैं, जनसभा करते हैं और पैदल यात्राएँ भी निकालते हैं. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है.

कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान न केवल असंवैधानिक हैं बल्कि देश के राजनीतिक माहौल को भी जहरीला बना रहा है .लोकतंत्र में असहमति और आलोचना स्वाभाविक है, लेकिन हिंसा की धमकी देना खतरनाक प्रवृत्ति है.

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भाजपा की आलोचना और विपक्ष की एकजुटता

इस पूरे प्रकरण ने विपक्ष को एकजुट होने का मौका दे दिया है.कांग्रेस के साथ-साथ राजद और अन्य विपक्षी दल भाजपा पर हमलावर हैं.विपक्ष का आरोप है कि भाजपा लोकतांत्रिक परंपराओं को खत्म कर रही है और लोकतंत्र को तानाशाही की ओर धकेल रही है.

राजद का कहना है कि यदि भाजपा विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रही है तो यह जनता के लिए भी चेतावनी है. आने वाले समय में जनता को तय करना होगा कि लोकतंत्र चाहिए या फिर भय और हिंसा की राजनीति.

निष्कर्ष

भाजपा प्रवक्ता का यह विवादित बयान केवल एक राजनीतिक बहस का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह देश की लोकतांत्रिक संरचना और राजनीतिक संस्कृति पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन की प्रतिक्रिया ने साफ कर दिया है कि विपक्ष इस मुद्दे को हल्के में नहीं लेगा. अब सवाल यह है कि क्या भाजपा इस बयान पर कार्रवाई करेगी या फिर इसे नजरअंदाज कर देगी.

राहुल गांधी जैसे शीर्ष नेताओं को मिली ऐसी धमकियां पूरे लोकतांत्रिक तंत्र के लिए खतरे की घंटी हैं. इसलिए जरूरी है कि इस पर गंभीरता से विचार किया जाए और लोकतंत्र में असहमति की आवाज को सुरक्षित रखा जाए.

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