लोकतांत्रिक अधिकारों और जनसरोकारों के मुद्दों पर जोर
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,3 अगस्त:दारोगा राय पथ स्थित स्वतंत्रता सेनानी हॉल (जिसे सम्मेलन के दौरान प्रतीकात्मक रूप से कॉ. राजाराम–मीना राय सभागार नाम दिया गया) में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) का 14वां पटना महानगर सम्मेलन 2–3 अगस्त के बीच सफलतापूर्वक आयोजित हुआ.सम्मेलन के दौरान मंच को कॉ. तोता चौधरी–अशोक कुमार मंच और शहर को प्रतीकात्मक रूप से चारु नगर, कहा गया.जो संगठन की विचारधारा और ऐतिहासिक नेताओं को सम्मान देने का प्रयास था.

सम्मेलन के अंतिम दिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और प्रतिनिधियों की मौजूदगी में व्यापक विचार-विमर्श के बाद 31 सदस्यीय महानगर कमिटी का गठन किया गया. इस कमिटी में चार आमंत्रित सदस्यों को भी शामिल किया गया है. सर्वसम्मति से कॉ. जितेंद्र कुमार को पटना महानगर भाकपा (माले) का नया सचिव चुना गया.निर्वाचन प्रक्रिया का संचालन पार्टी के बिहार राज्य कमिटी सदस्य कॉ. कमलेश कुमार की देखरेख में हुआ.
प्रमुख नेता और प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
सम्मेलन के दूसरे दिन पार्टी पोलितब्यूरो के वरिष्ठ नेता कॉ. अमर, कॉ. कृष्णदेव यादव, कॉ. अभ्युदय, कॉ. सरोज चौबे, कॉ. आर. एन. ठाकुर, कॉ. शशि यादव, कॉ. रणविजय कुमार समेत कई अन्य नेताओं ने सम्मेलन को संबोधित किया.साथ ही, कुल 153 प्रतिनिधियों में से 29 प्रतिनिधियों और अतिथियों ने भी सक्रिय रूप से अपने विचार रखे.

पारित हुए सात राजनीतिक प्रस्ताव
सम्मेलन में सात महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया. जिनमें से कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं.
मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सवाल: बिहार में चल रहे मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम के तहत 36 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया गया. सम्मेलन ने इसे तत्काल वापस लेने और सभी योग्य मतदाताओं के नाम बहाल करने की मांग किया.
चलो बूथ की ओर अभियान: मतदाता जागरूकता और लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से अगस्त महीने भर चलाए जाने वाले अभियान की घोषणा किया गया.
गाजा–फिलिस्तीन मुद्दा: इजरायल द्वारा गाजा में किए जा रहे हमलों की निंदा करते हुए भारत सरकार से फिलिस्तीन के समर्थन में स्पष्ट रुख अपनाने की मांग किया गया.
स्थानीय समस्याओं पर फोकस: पटना शहर में बिना पुनर्वास की व्यवस्था के चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियानों पर रोक लगाने.जलजमाव की समस्या का स्थायी समाधान ढूंढने और राज्य में बढ़ते अपराध पर नियंत्रण की मांग किया गया .
मानवाधिकारों का सवाल: जानीपुर और फुलवारीशरीफ में दो बच्चों की दर्दनाक हत्या और उसके खिलाफ आंदोलन कर रहे नागरिकों पर किए गए मुकदमों की वापसी की मांग करते हुए सरकार की भूमिका पर सवाल उठाया गया.
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आगामी कार्यक्रमों की घोषणा
सम्मेलन में 4–5 अगस्त को पटना जिला स्तरीय विरोध दिवस आयोजित करने का निर्णय लिया गया. जिससे राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनआंदोलन को मजबूती दिया जा सके.
नव निर्वाचित सचिव जितेंद्र कुमार ने सम्मेलन को जन आंदोलनों को तेज करने और संगठन को और अधिक मजबूत करने के लिए एक नई शुरुआत बताया.उन्होंने कहा कि पटना महानगर की टीम आने वाले समय में शहर के जनसरोकारों के मुद्दों को लेकर व्यापक जनसंवाद और संघर्ष को प्राथमिकता देगी.
यह सम्मेलन न केवल संगठनात्मक मजबूती का प्रतीक रहा.बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि भाकपा (माले) अपनी राजनीतिक दिशा को जन आंदोलन के केंद्र में रखकर आगे बढ़ रहा है.

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