तीसरा पक्ष ब्यूरो,पटना:राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने प्रकाशनार्थ जारी कर बताया कि मुजफ्फरपुर में दलित समुदाय की एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए जघन्य बलात्कार और स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही के मामले ने पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना के बाद जब तेजस्वी यादव ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर अपनी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त किया तब जाकर बिहार सरकार की नींद टूटी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की आँखें भी खुलीं.हालांकि, जब यह मुद्दा सरकार को पूरी तरह घेर चुका था, तब कहीं न कहीं अपनी स्थिति को संभालने के लिए चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा.
चिराग पासवान की चुप्पी और दोहरी राजनीति पर सवाल :एजाज
एजाज अहमद ने चिराग पासवान पर निशाना साधते हुये कहा कि बिहार में जिस तरह मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएँ हुईं और पूरा बिहार आंदोलित है, उस पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करें. क्या आपकी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की नीति में दलित उत्पीड़न का मुद्दा शामिल है? यदि हाँ, तो आप इतने दिन चुप क्यों रहे? जब आपको लगा कि आप इस मामले में पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं, आगे निकलने के होड़ में लेटर-लेटर का खेल खेल रहें. लेकिन इससे बात नहीं बनेगी. अगर आपमें इतनी संवेदनशीलता है, तो एनडीए से अलग होकर साफ करें कि आप दलितों पर अत्याचार करने वाली सरकार के साथ नहीं हैं. बिहार में भाजपा और जदयू की तरह दोहरी राजनीति बंद करें.
निष्कर्ष
मुजफ्फरपुर की इस शर्मनाक घटना ने न सिर्फ मानवता को झकझोरा है, बल्कि बिहार की राजनीति को भी गर्मा दिया है.अब देखने वाली बात यह होगी कि चिराग पासवान और नीतीश सरकार इस मुद्दे पर क्या ठोस कदम उठाते हैं या यह भी महज़ एक राजनीतिक बयानबाज़ी बनकर रह जाता है.

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