बिहार में अब झूठ नहीं, हक की राजनीति चाहिए
तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 24 अक्टूबर 2025— बिहार की सियासत में महिला वोटरों को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच भाकपा (माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने नीतीश कुमार और भाजपा पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा महिलाओं को दिए जाने वाले 10 हजार रुपये का सहयोग असल में महिला कर्जदार योजना है — एक ऐसी स्कीम जो महिलाओं को कर्ज के दलदल में धकेलने की कोशिश कर रही है.
कर्ज माफी चाहिए, नया कर्ज नहीं — दीपंकर भट्टाचार्य का बयान
भाकपा (माले) नेता ने स्पष्ट कहा कि बिहार की महिलाओं की असली मांग कर्जमाफी है, न कि कोई नया कर्ज.
उन्होंने कहा है कि,
अमित शाह खुद कह चुके हैं कि आगे चलकर बैंक से और अधिक लोन दिलाया जाएगा.यानी यह स्कीम महिलाओं को कर्ज के जाल में फँसाने की साजिश है.
महागठबंधन की ओर से उन्होंने वादा किया कि सत्ता में आने पर छोटे-छोटे कर्ज माफ किए जाएंगे और महिलाओं को महिला सम्मान राशि के रूप में ₹2500 प्रतिमाह दी जाएगी.
दीपंकर ने इस योजना को चुनावी खेल बताते हुए कहा है कि,
खेल खत्म, पैसा हजम, वोट ले लेंगे और बाद में यही पैसा लौटाने की बात करेंगे.बिहार की राजनीति में अब झूठ और छल नहीं, हक की बात होनी चाहिये .
सामाजिक न्याय बनाम राजनीतिक छल: एनडीए की नीतियों पर सवाल
दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक सर्वे और भाजपा की उम्मीदवार सूची को देखकर साफ हो जाता है कि भाजपा सामाजिक न्याय का गला घोंट रही है.
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन इस बार सात दलों का गठबंधन है, जो पिछली बार की तुलना में बड़ा और सामाजिक रूप से अधिक व्यापक है.
उन्होंने कहा.
यह चुनाव सामाजिक न्याय की लड़ाई है.विधानसभा से 65% आरक्षण प्रस्ताव पारित हो चुका था, लेकिन एनडीए ने उसे संसद में पारित नहीं होने दिया.नतीजा यह है कि आज भी आरक्षण 50% पर अटका हुआ है और उसमें भी चोरी हो रही है.
आरक्षण चोर और वोट चोर को हटाना होगा
पुलिस भर्ती में आरक्षण उल्लंघन का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि 1800 पदों में दलित समुदाय को 288 पद मिलना चाहिए था, लेकिन केवल 210 पद ही निकाले गए, यानी 78 पदों की आरक्षण चोरी की गई.
वोट चोर और आरक्षण चोर को इस बार गद्दी से उतार देना होगा,
दीपंकर ने जोर देकर कहा.
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भाजपा को मुसलमानों का वोट नहीं चाहिए — उम्मीदवार सूची पर तंज
भाकपा (माले) महासचिव ने भाजपा की उम्मीदवार सूची पर सवाल उठाते हुए कहा कि
भाजपा ने अपने 101 उम्मीदवारों में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है.इससे साफ है कि भाजपा को मुसलमानों का वोट नहीं चाहिए.
उन्होंने इसे साम्प्रदायिक राजनीति का स्पष्ट उदाहरण बताया और कहा कि बिहार की जनता अब धर्म और जाति की राजनीति से ऊपर उठ चुकी है.
गरीबों के लिए नहीं, अडाणी के लिए जमीन
दीपंकर ने कहा कि उनकी पार्टी लंबे समय से 200 यूनिट मुफ्त बिजली और गरीबों को घर के लिए जमीन देने की मांग कर रही है.
उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि,
नीतीश जी कहते थे कि एक यूनिट बिजली फ्री नहीं देंगे. हमने कहा था कि गरीबों को जमीन दीजिए, तो बोले आसमान से लाएँगे क्या? लेकिन भागलपुर में अडाणी को 1050 एकड़ जमीन और लाखों पेड़ दे दिए.
जीविका कार्यकर्ताओं की नौकरी पक्की करने का वादा
दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि तेजस्वी यादव ने पहले ही आउटसोर्सिंग खत्म करने की घोषणा की है.महागठबंधन के घोषणापत्र में यह शामिल होगा कि
सभी जीविका कार्यकर्ताओं की नौकरी पक्की की जाएगी.
उन्होंने याद दिलाया कि नीतीश कुमार ने हाल ही में जीविका कर्मियों से कहा था कि उन्हें एक पैसा भी नहीं मिलेगा, लेकिन जनता और माले के आंदोलन के दबाव में सरकार को पीछे हटना पड़ा.
बिहार की जनता का मूड बदल रहा है
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दीपंकर भट्टाचार्य के इस बयान से बिहार के ग्रामीण इलाकों में एक नई बहस शुरू हो गई है.
महिला वोटरों, जीविका दीदियों और गरीब तबके के बीच कर्ज माफी बनाम कर्ज योजना का मुद्दा अब तेजी से उठ रहा है.
दीपंकर ने कहा कि,
यह चुनाव बिहार की जनता के हक, सम्मान और न्याय की लड़ाई है.इस बार जनता तय करेगी कि लूट-झूठ की सरकार अब नहीं चलेगी.
निष्कर्ष: बिहार में हक की राजनीति बनाम जुमलों की सरकार
बिहार चुनाव 2025 का यह दौर महिलाओं और गरीबों के भविष्य को लेकर बेहद अहम है.
एक ओर एनडीए 10 हजार रुपये को आर्थिक सहयोग बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे “कर्ज का जाल” कह रहा है.
अब यह बिहार की जनता पर है कि वे वोट के बदले वादा चुनती है या हक और सम्मान की लड़ाई.

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