आतिशी का मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र, आप की मांग, विशेष सत्र और पारदर्शी कानून
तीसरा पक्ष डेस्क,नई दिल्ली: दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जा रही अनियंत्रित फीस वृद्धि ने अभिभावकों और आम आदमी पार्टी (आप) को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए मजबूर कर दिया है. आप की वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर तत्काल और पारदर्शी कार्रवाई की मांग की है. उनका आरोप है कि जब से भाजपा की सरकार सत्ता में आई है, प्राइवेट स्कूलों की फीस में बेतहाशा वृद्धि हुई है, और सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है.
आप ने अपने पत्र में तीन सूत्रीय मांगें रखी हैं:
- विशेष विधानसभा सत्र: फीस रेगुलेशन बिल को विधानसभा में पेश करने के लिए विशेष सत्र बुलाया जाए.
- सेलेक्ट कमेटी का गठन: बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए, जो अभिभावकों, शिक्षकों और अन्य हितधारकों से व्यापक चर्चा करे.
- अभिभावकों की राय का समावेश: अभिभावकों के सुझावों को शामिल करने के बाद ही बिल को अंतिम रूप दिया जाए.
जब से भाजपा की सरकार बनी है, प्राइवेट स्कूलों की फीस बेलगाम बढ़ी है, और सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया। एक बिल कैबिनेट में लाए, पर उसको छुपा कर रखा और कोई रायशुमारी नहीं की। अब शिक्षा मंत्री @ashishsood_bjp का कहना है कि बिल को अध्यादेश के माध्यम से लाएंगे। यह चोर दरवाज़े से क़ानून… pic.twitter.com/AR4da9UGIW
— Atishi (@AtishiAAP) June 5, 2025
आतिशी ने सोशल मीडिया X पर लेटर पोस्ट कर सवाल उठाया कि सरकार ने फीस रेगुलेशन बिल को कैबिनेट में तो पेश किया, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया और न ही इस पर जनता से कोई सलाह ली गई. उन्होंने कहा, “शिक्षा मंत्री आशीष सूद अब कह रहे हैं कि बिल को अध्यादेश के जरिए लागू करेंगे. यह गुपचुप तरीके से कानून लाने की कोशिश क्यों? क्या सरकार प्राइवेट स्कूलों के हितों की रक्षा करना चाहती है?”
ये भी पढ़ें:विदेशी वकीलों के लिए भारत में नए दरवाजे: मुख्य न्यायाधीश ने सराहा
सरकार का रुख
दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि वह प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए एक अध्यादेश लाने की योजना बना रही है. शिक्षा विभाग के अनुसार इस अध्यादेश में बिना अनुमति फीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर भारी जुर्माना और गंभीर मामलों में मान्यता रद्द करने का प्रावधान होगा. हालांकि, आप का कहना है कि अध्यादेश लाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और यह जनता की राय के बिना लागू किया जा रहा है.

I am a blogger and social media influencer. I am engaging to write unbiased real content across topics like politics, technology, and culture. My main motto is to provide thought-provoking news, current affairs, science, technology, and political events from around the world.