चुनाव आयोग बिहार के जनता की आवाज सुने: का. दीपंकर भट्टाचार्य

| BY

Ajit Kumar

बिहार
चुनाव आयोग बिहार के जनता की आवाज सुने: का. दीपंकर भट्टाचार्य

का. दीपंकर का संदेश: जनता ने बता दिया – एसआईआर नामंज़ूर!

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना, 9 जुलाई :आज पटना के सड़कों पर इंडिया गठबंधन का ज़बरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला.वोटबंदी के खिलाफ बुलाए गए बिहार बंद के तहत भाकपा-माले के महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, कॉ. एम.ए. बेबी, डी. राजा और मुकेश सहनी जैसे बड़े नेताओं के साथ मिलकर एक बड़ा मार्च निकाला गया.

चुनाव आयोग बिहार के जनता की आवाज सुने: का. दीपंकर भट्टाचार्य

यह जुलूस इनकम टैक्स गोलंबर से शुरू होकर वीरचंद पटेल पथ होते हुए चुनाव आयोग दफ्तर की ओर बढ़ा. मार्च में हजारों लोग शामिल थे और नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ रहे थे. लेकिन बीच रास्ते में पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया.

बिहार की जनता अपनी लोकतांत्रिक आवाज़ को दबने नहीं देगा :दीपंकर

भाकपा-माले के महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने सतमूर्ति के पास जमा लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का राज्यव्यापी चक्का जाम वाकई ऐतिहासिक है. बिहार की जनता ने साफ कर दिया है कि वो एसआईआर जैसे फैसलों को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेगी. हमें अपने वोट देने के हक और मज़दूरों के अधिकारों की पूरी ताकत से रक्षा करनी होगी.

उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग की मंशा गरीबों को उनके वोट के हक से वंचित करने की लग रही है.लेकिन आज के चक्का जाम ने यह साफ बता दिया है कि बिहार की जनता अपनी लोकतांत्रिक आवाज़ को दबने नहीं देगा साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील किया कि कल जब इस मुद्दे पर सुनवाई हो, तो जनता की भावनाओं को गंभीरता से सुना जाए.

यह भी पढ़े :बिहार में इंडिया गठबंधन का चक्का जाम आंदोलन ऐतिहासिक
यह भी पढ़े :वोटबंदी के खिलाफ बिहार में उबाल: 9 जुलाई को चक्का जाम :आइसा

संविधान और लोकतंत्र को हर हाल में बचाएंगे:दीपंकर

का. दीपंकर ने कहा कि इस बार बिहार की जनता ठान चुकी है कि 20 साल से चल रही भाजपा-नीतीश सरकार को अब सबक सिखाना है. लेकिन चुनाव आयोग उल्टा काम कर रहा है, लोगों को कन्फ्यूज करने और वोटरों को गलत तरीके से चुनने की चाल चल रहा है.यह सीधे-सीधे लोकतंत्र पर हमला है.

पटना जहां से कभी 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन’ शुरू हुआ था आज अब फिर से लोकतंत्र बचाने की आवाज बुलंद कर रहा है. बिहार जब बोलता है तो देश की राजनीति करवट लेती है. हम संविधान और लोकतंत्र को हर हाल में बचाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए.

चार श्रम संहिताएं मजदूरों को गुलाम बनाने की साजिश हैं:दीपंकर

चार श्रम संहिताएं मजदूरों को गुलाम बनाने की साजिश हैं:दीपंकर

दीपंकर जी ने कहा कि मोदी सरकार ने जो चार लेबर कोड लागू किए हैं, वो मजदूरों को गुलाम बनाने की चाल है.आज देश के संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूर, स्कीम वर्कर, कर्मचारी और यूनियनें मिलकर सड़कों पर उतर आए हैं.हम इनकी एकजुटता को सलाम करते हैं और उनके हक की इस लड़ाई में पूरी ताकत के साथ खड़े हैं.

राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की व्यापक भागीदारी

आज के प्रदर्शन में भाकपा (माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य के अगुआई में पार्टी के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.इसमें राज्य सचिव कुणाल, खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा, काराकाट से सांसद राजाराम सिंह, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, स्कीम वर्करों के नेता और एमएलसी शशि यादव, अमर, विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम, विधायक संदीप सौरभ, गोपाल रविदास, रसोइया संघ की नेता सरोज चौबे और ट्रेड यूनियन एक्टू के नेता आर.एन. ठाकुर, रणविजय कुमार जैसे तमाम लोग मौजूद थे.

इसके अलावा किसान नेता उमेश सिंह, शिवसागर शर्मा, वरिष्ठ पार्टी नेता केडी यादव, संगीता देवी, रामबली प्रसाद और प्रेमचंद सिन्हा जैसे कई अनुभवी चेहरे भी प्रदर्शन में सक्रिय रहे. माले से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ता, ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि, छात्र और युवा बड़ी तादाद में जुटे और आवाज़ बुलंद किया .

आइसा ने अशोक राजपथ को पूरी तरह ठप कर दिया

पटना विश्वविद्यालय में आइसा के नेता नीरज यादव के नेतृत्व में छात्रों ने अशोक राजपथ को पूरी तरह ठप कर दिया .सैकड़ों की संख्या में भाकपा (माले) के कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में इनकम टैक्स चौराहा पहुंचे, जहां इंडिया गठबंधन के सभी दलों के नेता और कार्यकर्ता पहले से मौजूद थे . वहां से सबने मिलकर एकजुट होकर सीईओ कार्यालय की ओर कूच किया .

Trending news

Leave a Comment