सत्ता व सरकार के दमन और तानाशाही के खिलाफ राहुल गांधी की भूमिका प्रशंसनीय!
तीसरा पक्ष ब्यूरो : आज 15 मई को भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास के छात्रों से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को संवाद करने की अनुमति न दिये जाने की घटना को कड़े शब्दों में निंदा किया किया है.आगे उन्होंने सवाल किया कि यही है डबल इंजन सरकार का सुशासन जो देश के नेता को छात्रों से मिलने और संवाद स्थापित करने से रोकता है ? भाकपा-माले के मिथिलांचल प्रभारी धीरेन्द्र झा ने कहा कि प्रशासन द्वारा अनुमति न दिए जाने के बावजूद राहुल गांधी के दरभंगा में मार्च का नेतृत्व करना और अंबेडकर छात्रावास में छात्रों से बातचीत के साहसिक कदम को उसने सराहना किया है. आगे उन्होंने कहा कि सत्ता और सरकार के दमनात्मक रवैये और तानाशाही के खिलाफ इंडिया गठबंधन को ऐसा ही कदम उठाना चहिये.
मिथलांचल कि जनता इसबार एनडीए को सबक सिखायेगी : माले
आप को बता दे कि पिछले 11 मई को दरभंगा में भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, पूर्व सांसद अली अनवर, पूर्व प्रोफेसर लक्ष्मण यादव, और पूर्व विधायक मनोज मंजिल ने सामाजिक न्याय और युवा के मुद्दों पर एक भव्य सम्मेलन का संबोधित किया था. इसकी प्रभावशाली गूंज से एनडीए में बेचौनी फ़ैला कर रख दिया था. जिसके चलते आज राहुल गांधी के कार्यक्रम को रोकने के लिए प्रशासनिक अवरोध बनाया गया.हलाकि छात्रों और नागरिक समाज की जागरूकता ने इनके प्रयासों को विफल कर दिया.भाकपा-माले का कहना है कि दरभंगा और संपूर्ण मिथिलांचल में बदलाव का बयार रूप से देखा जा सकता है. पिछली चुनाव में इस क्षेत्र के ज्यादातर सीटें एनडीए ने जीता था.लेकिन इस बार मिथिलांचल के जनता ने उन्हें सबक सिखाने का फैसला कर लिया है

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