जीएसटी में छूट 20 साल के गुस्से से बचने का थोथा प्रयास : दीपंकर भट्टाचार्य

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Ajit Kumar

बिहार
जीएसटी में छूट 20 साल के गुस्से से बचने का थोथा प्रयास : दीपंकर भट्टाचार्य

नीतीश–भाजपा की झूठ-लूट-दमन की राजनीति को जनता देगी करारा जवाब

तीसरा पक्ष ब्यूरो पटना,25 सितंबर 2025– बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. मधुबनी की धरती पर भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने नीतीश कुमार और भाजपा गठबंधन की सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जीएसटी में दी गई छूट को जनता के 20 साल के गुस्से से बचने का “थोथा प्रयास” करार दिया है.साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता अब इस छल और लूट की राजनीति से छुटकारा पाने का मन बना चुकी है.

डबल इंजन सरकार पर करारा प्रहार

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा-जदयू की डबल इंजन सरकार ने बिहार को 20 साल पीछे धकेल दिया है.

भूमि सुधार आयोग की सिफारिशों को लागू करने से इंकार कर गरीबों को जमीन से वंचित रखा गया.

सरकार ने किसानों और मजदूरों के नाम पर केवल घोषणाएँ कीं लेकिन अडानी जैसे उद्योगपतियों को हजारों एकड़ जमीन मिट्टी के दामों में सौंप दिया.

बिहार सरकार पर 70 हज़ार करोड़ रुपए का हिसाब न देने और मंत्रियों पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगने की बात भी उन्होंने उठाई.

नीतीश की घोषणाएँ: चुनावी लॉलीपॉप?

महिलाओं को ₹10,000 देने की नीतीश सरकार की घोषणा को दीपंकर ने “लॉलीपॉप” बताया है. उनका कहना था कि यह पैसा दरअसल माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का कर्ज चुकाने में चला जाएगा.

माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की वजह से गांव-गांव में पलायन बढ़ा है.

स्कीम वर्कर्स के मानदेय वृद्धि को वोट हथियाने की चाल बताते हुए उन्होंने कहा कि यह दरअसल उनके संघर्ष की जीत और उनका हक है.

इंडिया गठबंधन की गारंटियाँ

दीपंकर भट्टाचार्य ने इंडिया गठबंधन की ओर से कई बड़े वादे भी किये.

आरक्षण की सीमा 65% तक बढ़ाई जाएगी.

अतिपिछड़ों के आरक्षण को भी मजबूत किया जाएगा.

इन प्रावधानों को संविधान की 9वीं अनुसूची में दर्ज कर निजी और ठेका क्षेत्र में भी लागू किया जाएगा.

हर महिला को ₹2500 प्रतिमाह और हर परिवार को ₹2 लाख की गारंटी दी जाएगी.

सामाजिक सुरक्षा पेंशन की शुरुआत ही ₹1500 से होगी.

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अडानी-अंबानी को नए जमींदार करार

भाकपा(माले) महासचिव ने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को “नए महाजन” और अडानी-अंबानी को “नए जमींदार” करार दिया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनते ही इन पर लगाम कसी जाएगी.

जनता का संघर्ष और आंदोलन

दीपंकर ने बिहार में भूमि सर्वेक्षण कर्मचारियों की बर्खास्तगी और उनके आंदोलन पर हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है. उन्होंने बिहार के एसआईआर विरोधी संघर्ष को सलाम किया और कहा कि चुनाव आयोग की वोट चोरी की साजिशों को जनता लगातार पीछे धकेल रही है.

मधुबनी यात्रा का स्वागत

मधुबनी की जनता ने का. दीपंकर भट्टाचार्य का ज़ोरदार स्वागत किया.

पटना से सड़क मार्ग होते हुए वे मधुबनी पहुंचे.

रास्ते में दरभंगा के शोभन चौक, कइटोला, निधि चौक आदि जगहों पर कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं और नारों के साथ उनका स्वागत किया.

कन्वेंशन स्थल पर भी स्थानीय नेताओं और जनता ने उनका गर्मजोशी से अभिनंदन किया.

इस मौके पर उनके साथ भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो सदस्य व खेत-ग्राम मजदूर सभा महासचिव धीरेन्द्र झा, स्कीम वर्कर्स फेडरेशन महासचिव व विधान पार्षद शशि यादव और केंद्रीय कमेटी सदस्य संतोष सहर भी मौजूद थे.

नारे और संकल्प

अपने भाषण का समापन दीपंकर ने नारों के साथ किया

हिटलरशाही नहीं चली तो मोदीशाही नहीं चलेगी.

“लड़ेंगे, जीतेंगे.

सभा का समापन जोरदार नारों और धन्यवाद ज्ञापन (विश्वभर कामत द्वारा) के साथ हुआ.

निष्कर्ष

मधुबनी की यह सभा साफ संकेत देती है कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है. नीतीश–भाजपा गठबंधन के खिलाफ गुस्सा उभर कर सामने आ रहा है और इंडिया गठबंधन इस गुस्से को संगठित कर राजनीतिक परिवर्तन का संदेश दे रहा है.

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